चण्डीगढ़

19 जुलाई 2019

दिव्या आज़ाद

श्रावण मास प्रारंभ हो चुका है। इसी के साथ शहर के सभी मंदिरों में अनेक प्रकार के अनुष्ठान प्रारंभ हो चुके हैं। इस महीने में शिव पुराण की कथा करना या सुनना, रुद्राभिषेक करना, मंत्र जाप करना आदि कृत्य विशेष फलदायी होते हैं। श्रावण मास में शिव महापुराण के माध्यम से शंकर भगवान जी की महिमा सुनने से जीव को पुण्य की प्राप्ति होती है क्योंकि श्रवण शब्द से ही श्रावण की उत्पत्ति हुई है अर्थात श्रावण में ज्यादा से ज्यादा श्रवण करना चाहिए। इसी सिलसिले में चंचुला एवं बिंदुग का प्रसंग सुनाते हुए से. 28 स्थित प्राचीन शिव खेड़ा मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वर चंद्र शास्त्री ने बताया कि किस प्रकार दोनों पति-पत्नी अत्यंत पापी होते हुए भी शिव महापुराण की कथा सुनकर शिवलोक को प्राप्त हुए। मंदिर में शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का समय प्रतिदिन सायं 6:00 से 7:00 बजे तक निश्चित किया गया है। पंडित ईश्वर चंद्र शास्त्री कथा व्यास हैं।

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