चण्डीगढ़

19 मार्च 2018

दिव्या आज़ाद

हम आजादी के 70 साल पूरे कर चुके हैं लेकिन आज तक अपने उन क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा तक नहीं दे पाए हैं जिन्होंने आजादी के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। चण्डीगढ़ युवा दल के प्रधान विनायक बंगिया व प्रदेश संयोजक सुनील यादव
का कहना है कि सरकार की इस लापरवाही की वजह से शैक्षणिक किताबों में भगत सिंह जैसे देशभक्त को भी ‘क्रांतिकारी आतंकवादी’ लिखा जा रहा है। महान क्रांतिकारी भगत सिंह को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दे दी थी। वह देश की आजादी के लिए ब्रिटिश सरकार से लड़ रहे थे। लेकिन भारत की आजादी के 70 साल बाद भी सरकार उन्हें दस्तावेजों में शहीद नहीं मानती। अलबत्ता जनता उन्हें शहीद-ए-आजम मानती है। परन्तु अब वक्त आ गया है कि गलती सुधारते हुए सरकारी दस्तावेजों को भी दुरुस्त किया जाए।

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