चंडीगढ़
30 जून 2023
दिव्या आज़ाद
भगवान शिव विश्वास का स्वरूप है और विश्वास से ही भगवान की प्राप्ति होती है। जिसके अंदर विश्वास है उसी ने परमात्मा को पाया है। जो नरसिंह है वह हर खम्बे में विराजमान है लेकिन उनको प्रकट करने के लिए प्रहृलाद जैसा विश्वास भाव हमारे भीतर होना चाहिए। यह प्रवचन गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर सेक्टर 23 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित भगवान श्रीराम कथा के दौरान श्री मनमाधव गौड़ेश्वर वैष्णवाचार्य पूज्य श्री कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दिए।
कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने बताया कि गोपाल भट्ट जी महाराज शालिग्राम की पूजा करते थे और उन्हें विश्वास था कि एक दिन मेरे श्री राधारमण लाल जी जरूर आएगें। वे रोज आंसू बहाते और उनका नाम लेते रहते। एक दिन ऐसा आया जब भगवान श्री राधारमण लाल जी शालिग्राम से प्रकट हो गए। उन्होंने कहा कि हम कोई भी कार्य करें उसे पूरे विश्वास के साथ करना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस से हम सभी में एक विश्वास को उजागर करने का प्रयास किया है। इस अवसर पर उन्होंने भगवान शिव की कथा के साथ श्री राम की कथा का श्रवण करवाया जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान उन्होंने भगवान शिव व श्री राम की स्तुति कर भजन गाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर झूमने पर मजबूर कर दिया।