बंटी बबली से हिंदी इंडीपेंडेंट सॉन्ग इंडस्ट्री को दोबारा ट्रेंड में लाना चाहते हैं रॉय

रॉय का नया गाना बंटी बबली यूट्यूब में अभी तक 12 लाख लोग देख चुके हैं

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चंडीगढ़

27 मार्च 2017

दिव्या आज़ाद 

एक समय था जब हिंदी इंडीपेंडेंट सॉन्ग इंडस्ट्री की काफी धूम थी। बड़े से बड़े बॉलीवुड गायक भी अपनी इंडिपेंडेंट एल्बम रिलीज करते थे। लेकिन बीते वक्त के साथ इंडिपेंडेंट सॉन्ग केवल क्षेत्रिय भाषाओं तक ही सीमित हो गए। ऐसे में हिंदी इंडीपेंडेंट सॉन्ग इंडस्ट्री को अपने गीतों से दोबारा ट्रेंड में लाना चाहता हूं। क्योंकि इंडीपेंडेंट सॉन्ग एक गायक को फिल्मों से ज्यादा छूट देते हैं। रॉय का हालिया रिलीज सॉन्ग बंटी बबली इन दिनों काफी सुना जा रहा है। अभी तक गीत को यूट्यूब पर 12 लाख लोग सुन चुके हैं। रॉय बताते हैं कि यह मेरा पहला ही गीत है और लोगों ने इसे खूब सराहा। इससे पता चलता है कि लोगों को हिंदी इंडीपेंडेंट सॉन्ग भी पसंद आएंगे। आजकल पंजाबी गीतों को ज्यादा दबदबा है। ऐसे में मेरी कोशिश हिंदी गीतों को भी सामने लाने की होगी। गाने में रॉय अभिनय भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस गाने के लिए आइडिया मुझे दिल्ली से मुंबई के फ्लाइट के दरमयान आया। मैं चाहता था कि गाने को कुछ अलग तरीके से शूट किया जाए। आजकल हर दूसरे गाने में महंगी कारें, क्लब का दृश्य होता है। लेकिन हमनें अपनी वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं रखा। इसमें दो चोर हैं, बंटी और बबली जिसमें दोनों का मकसद एक हीरो का हार चुराना है। यह कहानी गीत के इर्द गिर्द लिखी गई है। मुझे खुशी है कि लोगों ने इसे इतना सराहा। यह पहली बार था जब मैंने कैमरा के सामने एक्ट भी किया। टी सिरीज जैसे लेबल के साथ जुडऩा भी हमारे लिए खास रहा। मुझे खुशी हुई की नए गायकों के लिए टी सिरीज बेहतर कर रहे हैं। इस वीडियो में आप मॉडल रुपाली सूद को भी देखेंगे, जो कई हिट सॉन्ग में एक्ट कर चुकी हैं। इन सभी कलाकारों के साथ काम करना भी एक सुखद अनुभव रहा। मेरी कोशिश अपने हर गाने में कुछ न कुछ नया देने की ही होगी। मैं खुद को किसी एक जॉनर में नहीं बांधना चाहता। आपको मेरे हर गाने में एक अलग रंग नजर आएगा।मैंने कई सालों तक अपने म्यूजिक और गायिकी में खूब रिसर्च की है। जिससे मैं आने वाले समय में बॉलीवुड और संगीत की दुनिया में कुछ अलग यकीनन करना चाहुंगा।
दिल्ली के कल्चर ने हिंदी और पंजाबी दोनों सिखाई
रॉय ने कहा कि वह हरिद्वार से हैं और दिल्ली में पले बढ़े। दिल्ली यूनिवर्सिटी से इन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की, उन्होंने संगीत और गीत की शिक्षा किसी गुरू से नहीं ली।खुद ही दोनों को सीखा है। बंटी-बबली में भी उन्होंने ही संगीत दिया है। रॉय ने कहा कि यह गाना शील ने लिखा है, जिनके साथ वह एक पंजाबी ट्रैक पर भी काम कर रहे हैं। जल्द ही यह ट्रैक लोगों के सामने होगा। दिल्ली का होने के कारण मैं पंजाबी से थोड़ा बहुत जुड़ा हूं, इसलिए पंजाबी गाने में मुश्किलात नहीं होती।आगे चलकर मेरा मकसद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी गाना है। मैं चाहता  हूं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को संगीत और गायिकी में कुछ ऐसा दूं, जिसका योगदान हमेशा लोगों को याद रहे। मैंने चार-पांच साल की उम्र से ही गायिकी शुरू की थी। ऐसे में मैं इतने सालों तक खुद को तैयार कर रहा था कि आने वाले समय में अपनी प्रतिभा लोगों तक पहुंचा सकूं। आने वाले समय में आप मेरे कई ट्रैक देखेंगे जो लोगों को यकीनन पसंद आएंगे।

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