पंचकूला

9 जुलाई 2019

दिव्या आज़ाद

मिजोरम सरकार द्वारा पिछले वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स मीट “मेग्नेटिक मिजोरम” के नाम पर पंचकूला की कंपनी संजीविटी इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नारायणगढ़ निवासी निदेशक संजीव घारू 50 लाख की ठगी का शिकार हो गए।  उन्होंने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि 20-21 अप्रैल 2018 को मिजोरम सरकार के साथ कैप्टन राहुल सुदेश बाली सीईओ, मेग्नेटिक मिजोरम ने मिलकर एक इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जिसमें राज्य के मुख्यमंत्राी श्री लाल थनावला मुख्य अतिथि थे। समिट में कई कंपनीयों ने हिस्सा लिया था जिसमें संजीविटी इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेड की तरफ से प्रेमजीत शर्मा, निदेशक ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया तथा सरकार की नीतियों से सहमत होकर मिजोरम सरकार के साथ एक एम.ओ.यू. साईन किया जिसके तहत कंपनी ने प्रदेश में पहला 100 मैगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित करना था जिसमें कंपनी लगभग 600 करोड़ रूपये इन्वैस्ट करने वाली थी ।  इस एम.ओ.यू. के तहत मिजोरम सरकार ने कंपनी को लगभग 100 हैकटेयर जमीन उपलब्ध् करवा दी जिसपर कंपनी ने तकनीकि सर्वेक्षण आदि करवाने के उपरांत इसकी एक डी.पी.आर. (डिटेल प्रोजेक्ट रिर्पोट) मिजोरम सरकार को अगस्त 2018 में सौंप दी।  एम.ओ.यू. के अनुसार अगला कार्य सरकार व कंपनी के बीच पी.पी.ए. (पावर प्रचेज एग्रीमैंट) होना था। मेग्नेटिक मिजोरम के सी.ई.ओ. जोकि मिजोरम सरकार के राज्य पार्टनर के तौर पर कंपनी के निदेशको से मिलते रहे और बताया कि वह सरकार के कार्यशैली को भली-भांति जानते हैं और उन्होंने अपने सरकार के अंदर बड़े संबंधों का हवाला देते हुए संजीविटी इंटरप्राईजेज से पैसो की मांग शुरू कर दी। इसके लिए राहुल सुदेश बाली ने दलील देते हुए बताया कि उनके बिना कंपनी का अनुबध् होना संभव नही है। कंपनी के निदेशको ने राहुल सुदेश बाली की कम्पनी इन्नोवेशन इंडिया के चालू खाता व बचत खाता में विभिन्न तिथियों में लगभग 30 लाख रूपये जमा करवा दिये व अन्य 20 लाख रूपये इन्नोवेशन इंडिया के निदेशक राहुल सुदेश बाली एवम् भावना बाली को नगदी दिये ।

उल्लेखनीय है कि कंपनी संजीविटी इंटरप्राईजेज द्वारा एक भारी रकम 600 करोड़ रूपये प्रदेश में इन्वेस्ट की जानी थी जोकि प्रोजेक्ट के लम्बा खीचें जाने पर इतनी बड़ी रकम को रोके रखना कंपनी की नियमावली अनुसार नहीं था जिसके चलते कंपनी को लगा कि मेग्नेटिक मिजोरम के सी.ई.ओ. राहुल सुदेश बाली व भावना बाली उनके साथ कोई खेल खेल रहे हैं और उनकी मंशा को भापते हुए कंपनी ने मिजोरम में प्रोजेक्ट न लगाने का फैसला लेते हुए अपने पैसो का तकाजा किया तो इस पर राहुल सुदेश बाली को भेजे गए अनुबंध् का प्रारूप बदल दिया गया और उसे एक कंसल्टेंसी एग्रीमेंट के रूप में राहुल सुदेश बाली द्वारा हस्ताक्षर करके कंपनी को भेज दिया गया।  इस पर संजीव घारू इन्नोवेशन इंडिया के निदेशक राहुल सुदेश बाली एवम भावना बाली की बदनियती को पहचान गए व कंपनी ने अनेको पत्राचार द्वारा अपने पैसे का तकाजा किया। इस पर राहुल सुदेश बाली ने कंपनी के तीन निदेशकों को फरवरी 2019 में पैसा वापिस लौटाने के बहाने दिल्ली बुलाया विपरित इसके राहुल सुदेश बाली ने कंपनी के निदेशकों के विरोध एक शिकायत दिल्ली में दे दी। इस प्रकार कंपनी जोकि एक बड़ा इनवेस्टमेन्ट प्रदेश में करना चाहती थी जिसके परिणाम बहुत दूरगामी होते किंतु मेग्नेटिक मिजोरम की मृगतृष्णा में कंपनी फंस गई।  इसका परिणाम यह रहा कि ना तो मिजोरम प्रदेश को सोलर पावर प्लांट के नाम पर होने वाला विकास मिल पाया वही कंपनी ने भी खुद को ठगा हुआ महसूस किया। अंततः कंपनी के निदेशक संजीव घारू ने एक शिकायत डी.सी.पी. पंचकूला के नाम दी किंतु चालाक राहुल सुदेश बाली व भावना बाली पुलिस द्वारा नोटिस जारी होने के उपरांत भी पुलिस को आपेक्षित सहयोग नहीं कर रहे है।  संजीव घारू ने कहा  कि यदि इस प्रकार निवेशकों को सरकार के दलालों द्वारा ठगा जायेगा तो किसी भी सूबे में निवेशक अपना निवेश करने से पहले सोचने पर मजबूर होगा जिसके चलते विभिन्न सरकारे व कंपनियां विकास के पहिये को तेजी से ना चला पायेगें।  ऐसे अनेको राहुल सुदेश बाली व भावना बाली बंटी और बबली की तरह सरकारों की नाक के नीचे काम कर रहे है जिन पर निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए नकेल कसना बहुत जरूरी है ।

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