चंडीगढ़
11 मार्च 2018
दिव्या आज़ाद 
प्राचीन कला केंद्र द्वारा आयोजित मासिक बैठकों की श्रंखला में  आज 244 कड़ी में  गुरदासपुर से आये  प्रसिद्द शास्त्रीय  गायक  कुमार गौरव कोहली  ने  सेक्टर 18 स्थित  मिनी टैगोर थिएटर में अपने मधुर शास्त्रीय  गायन  की प्रस्तुति  देकर एक सुरमई  शाम को संजोया । गौरव ने  अल्पायु से ही संगीत की शिक्षा अपने दादा  पंडित जगदीश राज कोहली से प्राप्त की  उपरांत   गौरव ने  ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गुरु पंडित गणेश प्रसाद जी से संगीत की  बारीकियां सीखी। जूलॉजी में  सनातकोतर डिग्री प्राप्त  गौरव ने संगीत में भी मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं । आजकल के युवा गायको की  श्रेणी में गौरव खूब नाम कमा रहे हैं । ख्याल गायकी में मजबूत पकड़ होने के साथ साथ  गौरव को भजन  ए गुरमत संगीत एवं तराना पर भी महारत हासिल है ।  गौरव ने  अपनी गायकी के दम पर कई अवार्ड भी प्राप्त किये। ये  आल इंडिया रेडियो  के ग्रेडेड कलाकार हैं।
गौरव  ने  अपने   कार्यक्रम  की शुरुआत  राग शुद्ध कल्याण  से की  जिसमें उन्होंने विलम्बित एक ताल की रचना  जब ही घर आवे मोरा पियरवा पेश करके सूंदर  शुरुआत की । उपरांत  तीन ताल में निबद्ध रचना  ऐ री आली आज गावो सब मिल के  प्रस्तुत  करके खूब वाहवाही बटोरी । कार्यक्रम  को आगे बढ़ाते हुए  गौरव ने  द्रुत एक ताल की रचना  सावरिया  मन भाये आज मोहे  प्रस्तुत किया ए ये सब रचनाएँ गौरव के गुरु पंडित गणेश प्रसाद दवारा रचित हैं । अपनी अगली पेशकश में  गौरव ने  राग  हंसध्वनि  में निबद्ध रचना  हर हर महादेव शिव शम्भू जो की अद्धा ताल में  थी  पेश करके  खूब तालियां बटोरी।
अपने कार्यक्रम का समापन  राग भैरवी में एक भजन जय जय जग जननी देवी से किया । इनके साथ तबले पर  मधुरेश भट्ट ने एवं हारमोनियम पर अमरजीत सिंह ने बखूबी संगत की केंद्र की रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कोसेर ने कलाकारों को पुष्प देकर  सम्मानित किया।

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