चण्डीगढ़
17 अप्रैल 2018
दिव्या आज़ाद
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आज तड़के रेलवे प्रशासन की लापरवाही से उस समय बवाल खड़ा हो गया जब जननायक एक्सप्रेस ट्रेन के इंतजार में बैठीं हज़ारों सवारियां इस लापरवाही की वजह से अपने गंतव्य तक पहुंचने में पहुंचने से रह गयीं क्योंकि अंदर बैठे यात्रियों ने चण्डीगढ़ की सवारियों के लिए अंदर से ट्रेन के दरवाजे ही नहीं खोले। देखते ही देखते जननायक एक्सप्रेस ट्रेन, जो अमृतसर से कटिहार को चण्डीगढ़ होते हुए जाती है, ने बिना सवारी लिए प्लेटफार्म छोड़ दिया। इस ट्रेन का चण्डीगढ़ पहुँचाने का निर्धारित समय रात 11 का है परन्तु आज ये गाडी 5 घंटे की देरी से सुबह 5 बजे यहां पहुंची और स्थानीय रेलवे यात्रियों को पहले तो लम्बा इंतज़ार करवाया तथा बाद में उन्हें यहीं छोड़ कर निकल गई।

इस दोहरी परेशानी से स्थानीय सवारियां भड़क गयीं व उन्होंने मामले की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को देनी चाही तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं मिला जिससे माहौल और भी गरमा गया व नारेबाजी शुरू हो गई। ट्रेन चढ़ने से रह गए यात्री दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करने व टिकट रिफंड करने की मांग कर रहे थे। इसी बीच किसी ने कांग्रेस के महासचिव व पूर्वांचल विकास महासंघ के प्रधान शशिशंकर तिवारी को सूचना दी तो वे तत्काल मौके पर पहुँच गए। तिवारी, जो जेडआरयूसीसी (जोनल रेलवे यूसर्स कंसलटेंट कमेटी) के पूर्व सदस्य भी रहें हैं, ने भी रेलवे अधिकारियों से यात्रियों की समस्या सुलझाने के लिए बात करनी चाही तो ना तो रेलवे स्टेशन अधीक्षक ने फोन उठाया और न ही किसी अन्य ने।
इसी बीच सुबह की शताब्दी के आने का समय हो गया और हंगामा बढ़ते देख जीआरपी तथा आरपीएफ ने बलप्रयोग करते हुए लाठीचार्ज कर दिया व  विरोध करने पर तिवारी एवं उनके साथियों अरविन्द सिंह, देवेंद्र दुबे, पिंटू कुमार, उमेश यादव, अरुण सिंह, दिनेश यादव, मुकेश यादव व राकेश शाह आदि को हिरासत में ले लिया। मामले की सूचना पाकर दडुआ के सरपंच व ग्रामीण कांग्रेस के प्रधान गुरप्रीत सिंह हैप्पी भी यहां पहुँच गए। उन्होंने भी यात्रियों के पैसे वापिस करने की मांग का समर्थन किया परन्तु रेलवे कर्मचारी यही कहते रहे कि नियम के मुताबिक गाडी के प्रस्थान के निर्धारित समय के तीन घंटे के बाद रिफंड नहीं दिया जा सकता।  मौके पर आरपीएफ के एसएचओ राजेश राणा व जीआरपी के एसएचओ राज कुमार भी पहुंचे व उनके हस्तक्षेप के बाद यात्री शांत हुए व तिवारी को रिहा किया गया। इन पुलिस अधिकारियों व तिवारी एवं हैप्पी भड़के लोगों को आश्वासन दिया कि उन्हें हुई असुविधा का मामला व जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।

तिवारी-हैप्पी न पहुँचते तो मामला और भी बिगड़ सकता था 

आज यदि मौके पर तिवारी-हैप्पी ना पहुँचते तो भड़के हुए यात्री किसी भी हद तक जा सकते थे व काफी नुक्सान हो सकता था तथा लाठीचार्ज के बाद तो हालत बिलकुल ही बेकाबू हो जाने थे। इन नेताओं ने काफी मशक्कत के बाद समझा बुझा कर यात्रियों शांत किया।

लापरवाह व गैर-जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये : तिवारी 

तिवारी ने मांग की है कि इस मामले में लापरवाह व गैर-जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये व भविष्य में ऐसी घटना दोहराई नहीं जानी चाहिए। उन्होंने बेहाल यात्रियों पर डंडे बरसाने वाले पुलिसियों की भी सीसीटीवी कैमरा की मदद से शिनाख्त कर उन्हें भी दण्डित करने की मांग की।

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