श्री रामलला के दर्शन करना बहुत ही दिव्य अनुभव था : डॉ. संदीप संधू

0
351

चण्डीगढ़

24 जनवरी 2024

दिव्या आज़ाद

शहर की बेटी कही जाने वाली डॉक्टर संदीप संधू अयोध्या में श्री राम लला के चरणों में नतमस्तक हुईं। डॉ. संधू उन कुछ अति विशिष्ट लोगों में शामिल थीं जिन्हें श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित किया गया था। डॉक्टर संदीप संधू ने कहा कि भगवान श्री राम की मुझ पर भी विशेष कृपा हुई और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने का सौभाग्यशाली अवसर मिला। सभी रामभक्त बधाई के पात्र हैं। अयोध्या से लौटने पर चंडीगढ़ विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. संदीप संधू ने अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं को अत्यंत भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें इस ऐतिहासिक और स्वर्णिम क्षण का प्रत्यक्ष साक्षी बनने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष पर प्रभु श्री राम से समस्त चंडीगढ़ क्षेत्र के 12 लाख निवासियों की समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए प्रार्थना की तथा प्रभु का आशीर्वाद मांगा कि वे समस्त चंडीगढ़ क्षेत्र पर सदैव अपनी कृपा दृष्टि और असीम अनुकंपा बनाए रखें। 

डा. संदीप संधू ने चण्डीगढ़ राजधानी क्षेत्र के समस्त नागरिकों का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि उन्हीं सब के आशीर्वाद, समर्थन और प्रेम के कारण डॉ. संधू 140 करोड़ के देश में उन चयनित 4200 विशिष्ट व्यक्तियों की सूची में शामिल हो पाईं जिन्हें इस दिव्य क्षण के प्रत्यक्ष दर्शन करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ। डॉ. संधू ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा पूजन के पश्चात मंदिर प्रांगण में उनकी देश के विशिष्ट एवं अति विशिष्ट व्यक्तियों से भेंट हुई तथा अनेक राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा भी हुई। तत्पश्चात पूजन का प्रसाद ग्रहण कर वे वापस अपनी कर्मभूमि चंडीगढ़ के लिए रवाना हुईं।

दिव्य अनुभव की अनुभूति हुई

डा. संदीप संधु ने कहा कि श्री रामलला के दर्शन करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। करोड़ों लोगों की आस्था इससे जुड़ी है। राम लला को देखकर लगता है कि उस जगह को छोड़ कर ना जाऊं। आज भी प्रभु श्री राम के होने का आभास सरयू नदी पर आरती करके, राम पौड़ी पर और अवध की हर गली में मिलता है । यह एक नयी शुरुआत है हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए और देश को दुनिया भर में एक पहचान दिलाने के लिए। पूरा-का पूरा कार्यक्रम अपने आप में अद्भुत था। उन्होंने कहा कि इसे शब्दों में समेटा नहीं जा सकता है। अयोध्या में गुरु साहिब पहली पातशाही द्वारा विचरा गया स्थान गुरुद्वारा श्री ब्रह्म कुण्ड साहिब और राजा मान सिंह जी द्वारा भेंट किया हुआ बाग जो गुरुद्वारा नज़रबाग के नाम से जाना जाता है, वहां भी माथा टेक कर सरबत का भला मांगा।

अब से दो बार मनाएं दीपावली

डा. संदीप संधू ने कहा कि अब तक हम हर वर्ष भगवान श्री राम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दीपावली मनाते थे। अब रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। इससे बड़ा ऐतिहासिक और स्वर्णिम दिन और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने देश की जनता से आह्वान किया कि अब हर वर्ष 22 जनवरी को भी दीपावली की तरह खुशियां मनाएं, दीप प्रज्वलित करें और एक-दूसरे को मिष्ठान वितरित कर जश्न मनाएं।

LEAVE A REPLY

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.