चण्डीगढ़

24 जुलाई 2018

दिव्या आज़ाद

एसबीआई वीआरएस 2017 एम्प्लॉयेज़ एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी व कर्मचारी अपनी मांगे पूरी न होने के कारण भारी परेशानी के दौर से गुजर रहें हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष योग राज गर्ग ने आज यहां चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि इस एसोसिएशन में बैंक से स्वेच्छिक सेवानिवृति ले चुके कुल 3500 कर्मचारी शामिल हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि एक तो उन्हें कार्यालय से अन्य स्टाफ सदस्यों की भांति विधिवत व सम्मानजनक विदाई भी नहीं दी गई जिससे वे आहत महसूस कर रहे हैं, ऊपर से उनकी जायज मांगे भी नहीं मानी जा रही जो बेहद अपमानजनक है। उन्होंने सरकार पर उन्हें सीधे-सीधे धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 29 मार्च 2018 को ग्रैच्युइटी एक्ट को संशोधित करते हुए सीलिंग अमाउंट 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख कर दिया परन्तु 1 जनवरी 2016 से 28 मार्च 2018 के बीच सेवानिवृत हुए बैंक कर्मियों को इससे बाहर रखा गया है जोकि सरासर गलत है

गर्ग ने जानकारी देते हुए  बताया कि स्वेच्छिक सेवानिवृति लेने के बाद हमारी एक्स-ग्रेशिया की बनती पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस राशि में वेतन का हिस्सा होने बावजूद स्पेशल अलाउंस व डीऐ के अलावा एचआरऐ का भुगतान नहीं किया गया। लीव एनकैशमेन्ट व पेन्शन राशि के विलम्बित भुगतान के इंटरेस्ट का भी भुगतान नहीं किया जा रहा जोकि नियमानुसार मिलना अपेक्षित है।

योगराज गर्ग ने बताया कि कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी भारी रोष है कि कार लोन व बच्चों के एजुकेशन लोन में से ही कैश कोलैटरल ले लिया जा रहा हैं जबकि कार लोन के लिए पेन्शन अमाउंट में से ही किश्तें काटने व एजुकेशन लोन के लिए प्रॉपर्टी मोर्टगेज की हुई हैं ताकि लोन्स की वापसी सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने आगे बताया कि स्वेच्छिक सेवानिवृति लेने वाले कर्मचारी अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक एंटरटेनमेंट अलाउंस लेने लके हकदार हैं परन्तु बैंक ने मनमानी करते हुई पिछले वर्ष 12 जुलाई को एक सर्कुलर जारी करके इसे एक वर्ष की बजाए महज एक तिमाही तक सीमित कर दिया।

इसके अतिरिक्त अभी तक सभी कर्मियों को एप्प्रिसिएशन लेटर भी जारी नहीं किए गए, पीपीओ’ज़ भी अभी तक नहीं भेजे गए, सेवानिवृति लेने से पूर्व के मेडिकल बिलों का भी भुगतान रोक रखा है व प्रबंधन द्वारा एलएफसी एक्सटेंशन को भी अप्रूव नहीं किया जा रहा।

अपनी सारी मांगें व परेशानियां बताते हुई योगराज गर्ग ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर वह पहले भी मीडिया की शरण में आये थे व तब विभिन्न समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने पर बैंक प्रबंधन ने इस और गौर किया व बैंक के ऐजीएम पीपीजी ने हमें एक महीने बाद बुलाया व हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया परन्तु बाद में वह टाल-मटोल में लग गए व उनका आश्वासन कोरा ही साबित हुआ।

उन्होंने कहा कि प्रबंधन के इस अड़ियल रवैये से स्वेच्छिक सेवानिवृति लेने वाले कर्मचारी बेहद आहत व जिस कारण कर्मचारी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मांग की हैं कि उनकी मांगे जल्द-से-जल्द पूरी की जाएं जिससे वे सेवानिवृति के बाद अपने घर-गृहस्थी को ठीक से चला सकें नहीं तो उन्हें धरना-प्रदर्शन व कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा। इस मौके पर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हरीश कुमार गोसाईं, व् महासचिव सचिव राजेश सोंधी आदि भी मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.