काफी समय बाद हम फिर से हाज़िर हैं लेकर चटपटे किस्से। आज का किस्सा निजी अनुभव के साथ-साथ कई पत्रकारों व पीआर के साथ हुई घटना पर आआधारित है। हमारे चंडीगढ़ मीडिया में एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें दूसरों के काम के बीच में टांग अड़ा कर खुद हीरो बनने की आदत है। पता सबको है कि वह शख्स कितने पानी में है लेकिन आम लोग इस बात से अनजान है जिसका यह शख्स अच्छे से फायदा उठाना जानते हैं।

आप इनको किसी के पास अपने काम के लिए भेजेंगे तो यह वहां पहुंचकर आपका ही पत्ता काटने में लग जाएंगे और उस व्यक्ति के साथ तस्वीरें भी खींचा कर आएंगे। वापस आकर आपको जवाब मिलेगा कि “अरे वह व्यक्ति आपको कैसे जानता है? वह तो मेरा पुराना यार निकला।” अब समझ लीजिए इसके बाद से वह व्यक्ति आपका फ़ोन उठाना बंद कर देगा या आपसे कहेगा कि मुझे आपसे ख़बर नहीं करवानी जो शख्स मेरे पास आए थे उन्होंने कहा है कि वे शानदार तरीके से मेरा काम कर देंगे।

पत्रकार जगत के लोगों को तो अच्छे से पता है कि यह शख्स कितने शानदार तरीके से ख़बर की एहमियत ही ख़त्म करने वाले हैं लेकिन शिष्टता के नाते कोई भी आम जनता के सामने इन शख्स की पोल नहीं खोलता है।

अब आते हैं निजी अनुभव पर। यह शख्स ऐसा कई अन्य पत्रकारों के साथ कर चुके थे जिससे कि हम अनजान थे। हमारे द्वारा एक खास पारिवारिक मित्र की ख़बर जारी की गई जिसके लिए हमने एक वरिष्ठ पत्रकार की मदद ली। इस शख्स को जैसे ही पता चला कि उस व्यक्ति की ख़बर जारी हुई है तो यह शख्स पहुंच गए उनके दफ़्तर। अब वहां पहुंचकर इन्होंने कहा कि मुझे बहुत भूख लगी है तो कुछ खिलाइए साथ ही आपसे बात भी हो जाएगी। वह पारिवारिक मित्र बहुत समय पहले इस शख्स का कोई काम कर चुके थे जिस कारण वे इस शख्स को जानते थे।

अब अचानक उन वरिष्ठ पत्रकार को एक तस्वीर प्राप्त हुई जिसमें यह शख्स हमारे पारिवारिक मित्र के कंधे पर हाथ रख कर पोज़ कर रहा था। फ़ोटो के साथ लिखकर भेजा गया ‘A very good friend of mine’. अब किसी को यह फ़ोटो भेजने का मतलब समझ नहीं आया।

जानकारी मिलने पर हमने उस पारिवारिक मित्र से पूछा कि यह फोटो भेजने का क्या मतलब था। उन्होंने बताया कि उनको कोई जानकारी नहीं थी कि वह तस्वीर किसी को भेजने के लिए ली जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि यह शख्स वहां पहुंचकर उनसे कहने लगा कि “यह लोग कहां मिल गए आपको? आप किसी और के पास कैसे चले गए? आप तो मेरे बंदे हो आपने इनसे काम क्यों करवा लिया?” इसके बाद उसने ज़बरदस्ती उनसे कहा कि वह कल फिर आएगा और उनकी ख़बर आगे से वही करेगा।

यह जानकारी प्राप्त होने पर जब इस शख्स से सीधे बात की गई तो अपनी गलती मानने की बजाए इसने लड़ना शुरू कर दिया। जब इस शख्स को कहा गया कि वह जहां मर्ज़ी जाकर जिस मर्ज़ी से मिले लेकिन गलत बोलना बंद करे तो भी इस शख्स ने आगे से अपनी बहस जारी रखी।

अब हो सकता है आपका भी इस शख्स से पाला पड़ा हो क्योंकि एक समय में यह एक नामी अख़बार के लिए काम कर चुका है। तो थोड़ा संभल जाइए यदि आपको सुनने को मिले की “अरे! इसको तो मैं पहले से जानता हूँ यह तो मेरा यार है।” हो सकता है उस पल के बाद से वह व्यक्ति आपका यार न रहे!

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