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कृषि विधेयकों का प्रबल विरोध: कांग्रेस विधायक रमिंदर आवला के नेतृत्व में आयोजित ट्रैक्टर रैली ने तोड़ा रिकार्ड  

जलालाबाद (फाजिल्का)

27 सितंबर 2020

दिव्या आज़ाद

केंद्र की मोदी सरकार की  ओर से पारित किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में जलालाबाद के कांग्रेस विधायक रमिंदर  आवला के नेतृत्व में शहर की अनाज मंडी में एक ट्रैक्टर रैली निकाली गई। ट्रैक्टर पर एक हजार से अधिक किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली में भाग लिया और केन्द्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया।

इस अवसर पर पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया, कांग्रेस जिला कार्यकारी अध्यक्ष रंजम कामरा, जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष हंस राज जोसन पूर्व विधायक, अबोहर प्रभारी संदीप जाखड़, किसान यूनियन एकता उगराहा के जिला उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह मन्नूवाला उपस्थित थे। इस ट्रैक्टर किसान रैली का हिस्सा बने आवला ने किसानों के पक्ष में और मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए रैली का आगाज  किया।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विधायक रामिंदर आवला ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ के नेतृत्व में किसान राज्य के किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए लाए गए कृषि बिल का विरोध करने को तैयार हैं। यह फैसला केन्द्र सरकार मोदी सरकार के कफन में कील साबित होगा। बड़ी संख्या में रैली में शामिल होकर किसानों, मजदूरों, कारीगरों और अन्यों के अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह साबित कर दिया है कि लोग इन विधेयकों को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।

विधायक आवला ने इस बात पर हैरानी जताई कि जब कृषि विधेयक को कैबिनेट में पेश किया गया था और इस मुद्दे पर लगातार तीन महीने तक चर्चा हो रही थी,परंतु  कहा कि हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट का हिस्सा बनी रहीं। आखिर किसानों की बढ़ती नाराजगी और बादल परिवार की घेराबंदी के डर से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा। अकालियों को भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ देना चाहिए था, परंतु इनका गठबंधन अभी भी बरकरार है।  दूसरी ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील कुमार जाखड़ की अगुआई में कांग्रेस नेतृत्व विधेयकों के विरोध में डटा हुआ है।

श्री रमिंदर आवला ने सुखबीर बादल के पूर्व राजनीतिक सलाहकार परमजीत सिंह सिंधवा की ओर से लिखे गए एक पत्र में यह स्पष्ट कर दिया था कि बादल परिवार का हित किसानों और आम आदमी के हित के लिए नहीं बल्कि पारिवारिक राजनीति के रखरखाव के लिए था। उन्होंने कहा कि शिअद-भाजपा सरकार के दौरान पंजाबी की जवानी को चिट्टा मार गया और खेती को सफेद मक्खी खा गई, यही कारण था कि पंजाब के लोगों ने सूझ बूझ का परिचय देते हुए अकालियों को भगाया और सौ साल पुरानी शिअद को तीसरे पर नंबर पर भेज दिया।

श्री आवला ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमेशा पंजाब के हितों की रक्षा के लिए कड़े फैसले लिए,चाहे वह पंजाब के पानी का मुद्दा हो या किसानों के कृषि विधेयक का विरोध करने का निर्णय।  विधायक आवला ने कहा कि पंजाब के लोगों ने हमेशा देश को बाहरी ताकतों के हमले से बचाया है और इनकी बहादुरी पूरा राष्ट्र जानता है, इसलिए केंद्र सरकार को इन विधेयकों को निरस्त करने के लिए पुनर्विचार करना चाहिए और राष्ट्रपति विधेयकों पर अपनी सहमति न दें और विधेयकों को लौटा दें।

इस मौके पर इस जोरदार रैली में मार्किट कमेटी के अध्यक्ष  सुखविंदर सिंह काका कंबोज, रूबी गिल, जिला अध्यक्ष युवा कांग्रेस, शाम सुंदर मैनी प्रदेश उपाध्यक्ष, आढ़तिया एसोसिएशन, जरनैल सिंह मुखीजा अध्यक्ष, चंद्र प्रकाश खैरेके, डॉ. बी डी कालड़ा, अध्यक्ष हनी पपनेजा, मार्केट कमेटी के अध्यक्ष अरनीवाला राजपाल चहल, ब्लॉक समिति के अध्यक्ष हरकंवलजोत, ब्लॉक समिति के अध्यक्ष रतन सिंह, किसान नेता प्रेम कंबोज, डॉ. गुरुचरण कंबोज, राधा कृष्ण, वाइस चेयरमैन सुभाष कालूवाला, मजदूर यूनियन के अध्यक्ष राजू पटवारी, युवा नेता जतिन आवला भी उपस्थित थे।