चंडीगढ़
31 जनवरी 2021
दिव्या आज़ाद

कहानियां हमारे आस-पास घूम रही हैं। मैं अपने किरदार को आम लोगों से लेता हूँ। हर किसी की कोई न कोई कहानी होती है जो अपने-आप में दूसरों को प्रेरित करने वाली होती है। यह कहना है फ़िल्म डायरेक्टर-राइटर पर्मिन्दरजीत सिंह का। यूके से फ़िल्म मेकिंग में मास्टर्स कर चुके पर्मिन्दरजीत को ‘जीत ज़हूर’ के नाम से भी जाना जाता है। वे पेशे से जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं।

पर्मिन्दरजीत ने हाल ही में राइटर-डायरेक्टर के तौर पर ‘जस्टिस’ फ़िल्म की है। पल, फार्मर, दो दूनी पंज, माँ दा डिप्टी व कई अन्य फिल्में, वेब सिरीज़ व शॉर्ट फिल्में करने के बाद वे अब नई स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एक खास बातचीत में बताया कि उनकी एक दोस्त जशनप्रीत कौर गिल ने उन्हें फ़िल्म लाइन में आने के लिए प्रेरित किया जो आज खुद पेशे से पीसीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में कहानी बयान करने के लिए होती हैं चाहे वह शार्ट हो, फीचर हो या डॉक्यूमेंट्री हो। हर कहानी के हिसाब से चुना जाता है कि वह किस कैटेगरी में सही बैठेगी। सभी फिल्मों में एक समानता होती है कि उनके लिए दृष्टि और समर्पण की आवश्यकता होती है।

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी उनके लिए रामबाण साबित हुई क्योंकि इस समय उन्हें अपनी अधूरी कहानियों को पूरा करने का समय मिला व नई कहानियों के बारे में सोचने का मौका भी।

पर्मिन्दरजीत सिंह बताते हैं कि ओवर द टॉप (OTT) फिल्मों का असली भविष्य है। यह इस क्षेत्र में आने वाले नए लोगों के लिए बहुत उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा कि वे एक दिन हिंदी फ़िल्म डायरेक्टर विशाल भारद्वाज के साथ काम करना चाहते हैं। पर्मिन्दरजीत फ़िल्म फार्मर स्टूडियो नाम की प्रोडक्शन कंपनी भी चला रहे हैं।

आप फ़िल्म फार्मर स्टूडियो के बारे में इस लिंक पर जानकारी ले सकते हैं: www.filmfarmerstudios.com

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