चंडीगढ़

15 जून 2017

दिव्या आज़ाद 
डॉ. विजय दत्त शर्मा हरियाणा ग्रंथ अकादमी के वर्तमान निदेशक हैं। उन्होंने 32 वर्ष तक हरियाणा के स्नातकोत्तर कॉलेज में अध्यापन का कार्य किया।  उनकी देखरेख में 22 शोधार्थियों ने पीएचडी की उपाधि और 18 विद्यार्थियों ने एमफिल की।
डॉ. शर्मा की लगभग 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कई पत्रिकाओं के साथ संपादन का कार्य भी किया। डॉ. विनोद कुमार के साथ विशेष  मुलाकात के दौरान विचार साँझा करते हुए  डॉ. शर्मा ने बताया कि उनकी अकादमी की ओर से लगभग 40 पुस्तकें  प्रकाशन के लिए तैयार है जिसमें पर्यावरण,  समाजशास्त्र, पत्रकारिता, विज्ञान आदि के विषय शामिल है। उनके निर्देशन में हरियाणा ग्रन्थ अकादमी उच्च परियोजना की पूर्ति में जुटी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत तकनीकी वैज्ञानिक शब्दाकोष तैयार किया जा रहा है। इस शब्दकोष  से हिंदी माध्यम से अध्ययन करने वाले  विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। इस शब्दकोष का प्रकाशन खासतौर पर पॉलिटेक्निक स्टूडेंट्स के मध्यनजर  किया जा रहा है। इस कार्य को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। डॉ. विजय दत्त शर्मा ने बताया कि हरियाणा के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों के विद्वानों से इस हेतु सहयोग लिया जा रहा है। इससे जल्दी ही पॉलिटेक्निक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में भी पुस्तकें उपलब्ध हो पाएगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि पॉलिटेक्निक में अध्ययन करने वाले छात्रों को जिनकी हिंदी भाषा में अधिक रूचि है, को लाभ पहुंचेगा। पाठ्यक्रम को अंतिम रुप देने के लिए गठित कमेटी में उचित तालमेल बनाकर उसे कार्यान्विन्त किया है।  इस कार्य में  पुस्तकों का उचित स्वरूप तैयार  करने के लिए लगभग 1 वर्ष लगेगा। आगामी सत्र में पॉलिटेक्निक संस्थानों में पाठ्यक्रम की पुस्तकें हिंदी भाषा में भी उपलब्ध कराई जा सकेगीं। इस हेतु कार्य जोरों पर है।

डॉ. विजय दत्त शर्मा ने कहा कि फरवरी माह में पुस्तक मेले का आयोजन कैथल में किया गया था जिसमें दिल्ली के लगभग 50 पुस्तक प्रकाशकों ने भाग लिया।  इस प्रदर्शनी को इस बात को ध्यान में  रखकर आयोजित किया गया था कि पाठकों को एक ही शहर में अलग-अलग  विषयों की पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो सके। इसी कड़ी में मार्च महीने में पंचकुला में भी हरियाणा ग्रंथ अकादमी के तत्वाधान में ऐसी ही प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था जिसमें 370 प्रकाशकों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई थी।

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