चंडीगढ़

17 जुलाई 2017

चंडीगढ़ की राजनीति में शंभू बनर्जी की खास पैठ है। पिछले 25 सालों से राजनीति से जुड़े है। बीजेपी के जिला महासचिव और बाद में कांग्रेस पार्टी से जुड़कर चंडीगढ़वासियों के दुःख सुख में कंधे से कन्धा मिलाकर  खड़े हुए हैं। उन्हें इस बात का दुःख है कि पार्टी में वर्कर्स की वैल्यू नहीं है। वर्कर्स को सिर्फ यूज़ किया जाता है। जब वर्कर को पार्टी के साथ की जरूरत होती है तो वे पीछे हट जाते हैं। इन बड़ी पार्टियों में  सिर्फ चंद लोग ही फैसले लेते हैं अन्य लोगों की  पार्टी में  कोई भी सुनवाई नहीं  है। उनका काम तो भीड़ में नारेबाजी करवा कर उन्हें छोड़ देना है।  इन्हें जनता की रोटी, कपड़ा, मकान, नौकरी और शिक्षा आदि की  जरा भी सुध नहीं है। शंभू ने बताया कि उन्होंने त्रिमूल कांग्रेस पार्टी भी ज्वाइन की थी । यह विश्वास था कि इसमें रहकर खूब कार्य करेंगे।  परंतु उन्होंने पार्टी में देखा क़ि इलेक्शन में आने पर वे भी कांग्रेस को सपोर्ट करने की बात करते हैं। इस पार्टी में भाषा भी मुख्य समस्या रही क्योंकि इन में अधिकतर बंगाली और इंग्लिश भाषा का ही बोल बाला था।  इन सब को देखते हुए उन्होंने मन बनाया कि वह एक ऐसी राष्ट्रीय पार्टी का निर्माण करेंगे जो समाज के अधिकारों और कल्याण से जुड़ी होगी।
राष्ट्रीय स्तर की पार्टी समाज अधिकार कल्याण पार्टी   के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू बनर्जी ने  डॉ. विनोद कुमार से साँझा करते हुए बताया कि विभिन्न पार्टियों में कार्य करते हुए पार्टी का कुछ ही लोगों तक सीमित रहना और स्वतंत्र रुप से कार्य न कर सकने के कारण ही इस पार्टी का गठन किया है। गठन के कुछ दिन ही पश्चात इस पार्टी  ने पंजाब की 6 सीटों से विधानसभा चुनाव लड़े।  मात्र 6 दिन में समराला, खन्ना, बस्सी पठाना, आत्म  नगर लुधियाना,  डेराबस्सी और पटियाला के ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की। जनवरी में पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर गठन किया गया और  8 फरवरी पार्टी को लॉन्च किया गया। सिर्फ कुछ ही दिनों में पार्टी का पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ना जोखिम भरा ही था।  जिलों में यूनिट खड़ी की गई और इलेक्शन करवाया।
पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष  हरमिंदर सिंह मावी पंचायत यूनियन के प्रधान भी हैं उन्हें इस पद के लिए चुना गया। इलेक्शन कमिशन ने प्रशंसा करते हुए कहा था कि कम समय में इतना कुछ कर पाना बड़ी बात है। 25 साल से पॉलिटिशियन और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू बनर्जी काफी सुलझे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी को उत्तराखंड, पंजाब और चंडीगढ़ में खड़ा किया जा चुका है। सीनियर एडवोकेट धन बहादुर को भी पार्टी ने अहम जिम्मेदारी सौंपी हैं। अपनी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए शंभू बनर्जी ने कहा कि फूड एंड सप्लाई विभाग द्वारा बीपीएल कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज दिया जाता था जिसे घटाकर विभाग ने 26 किलो ग्राम कर दिया था।  इसके लिए उन्होंने पहल करते हुए इसके विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की और दोबारा उन्हें 35 किलो ग्राम अनाज उपलब्ध करवाने मेन भूमिका निभाई। इसी तरह आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के बच्चे जो प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन लेने में असमर्थ थे उसके लिए 25% सीटें आरक्षित करवाई गई।
शंभू बनर्जी ने कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी पार्टियों ने कुछ भी नहीं किया है।  इंदिरा कॉलोनी में खोखे लगाकर रोजी रोटी कमाने वाले लोगों को वहां से हटा दिया गया है। लगता है सुंदर शहर में गरीब व्यक्ति को रोजी -रोटी कमाने का हक नहीं है।  हर व्यक्ति को अपनी रोजी रोटी कमाने का हक़ मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल के नाम पर कुछ बड़े  पोलिटीशन्स और अफसरों ने प्रशासन से  सस्ती जमीन ली है। मोटी फीस के चक्कर में  गरीब लोगों के बच्चों को भूल गए हैं। पीजीआई और अन्य सरकारी अस्पतालों में गरीबों का इलाज निशल्क नहीं है। इस्टेट ऑफिस द्वारा बापूधाम कॉलोनी,  इंदिरा कॉलोनी, डड्डूमाजरा और  राम दरबार में 25 साल पूर्व जो मकान दिए गए थे उन्हें ट्रांसफर करवाना मुश्किल है। इन समस्याओं के वे समाधान के लिए संबधित अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ का अपना न तो वित्त सचिव है और न ही एसएसपी। इसलिए यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम हैं।उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की बजाए चंडीगढ़ से ही रोजगार के अवसर उपलब्ध किये जाने चाहिए।
शंभू बनर्जी  ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जल्दी से तैयारियां शुरु की जा रही है। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट  और स्टेट लेवल पर प्रेसिडेंट नियुक्त किये जाने है। इनके माध्यम से पार्टी व संगठन को मजबूत बनाने में अपनी पुरजोर कोशिश की जायेगी। शंभू बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान उनकी पार्टी 8 से 10 राज्यों में चुनाव लड़ सकती है। इसके लिए 18 महीने पूर्व तैयारी शुरू कर दी जाएगी। लोकसभा के चुनावों में उनकी पार्टी  द्वारा 80 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की सम्भावना है।
शंभू बनर्जी ने कहा कि कोई भी पार्टी बुरी नहीं है। बुरे तो उसमें काम करने वाले लोग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में लोक भलाई के कार्य उनकी पार्टी लंबे अर्से  से कर रही है।  प्रशासक का पद खत्म करके चीफ कमिश्नर को नियुक्त किया जाना चाहिए। लीडरशिप खत्म होनी चाहिए।  इससे प्रशासन की नीतियों का लोगों को सीधा लाभ पहुंचेगा। उनकी हर समस्या प्रत्यक्ष रुप से हल होगी। चंडीगढ़ में रोजगार की समस्या होने का कारण पंजाब और हरियाणा की कोटा नीति है।  चंडीगढ़ वासी तो किरायेदार की जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें यहाँ रोजगार नही मिल पाता। इसका कारण पंजाब और हरियाणा के लोगों की प्रशासन के भिन्न- भिन्न विभागों में नियुक्ति होना है।
शंभू बनर्जी ने  बताया कि पार्टी का विधानसभा के चुनावों  का एजेंडा स्टेट की समस्या या इशू है। उसे हल करवाना ही प्राथमिकता है। स्टेट बॉडी इन समस्याओं का हल करने में पहल करेगी और स्थानीय लोगों को लेकर काम किया जाएगा। उन्हीं के साथ मिलकर यूनिट तैयार होगी। यह कार्य जल्दी ही हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में शुरू किया जा रहा है। शंभू बनर्जी ने बताया कि उनकी पार्टी के पास फंड की कमी है। इसे पूरा करने के लिए राज्य की यूनिट खड़ी करके मेंबरशिप ड्राइव शुरू की जाएगी। इसी से संगठन को मजबूती मिलेगी।  बनर्जी ने वोटर्स से आग्रह किया कि उन सब को वोट देना चाहिए।  जागरुक होकर आगे आना होगा।  अपनी वोट की कीमत को पहचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य स्वार्थ, लाभ, शौक, मजबूरी  और हादसा होता है। लेकिन  उनका उद्देश्य देश और समाज की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि लोगों की भलाई के लिए वे कई बार जेल जा चुके हैं। उन्होंने इसके लिए लाठियां भी खाई हैं परंतु दबाव में नहीं आए।  उन्होंने बताया कि वह अपनी पार्टी में अच्छी सोच के लिए आए हैं। वर्करों के साथ यहां भेदभाव कतई नहीं किया जाएगा। उन्हें पूरा मान-सम्मान पार्टी से मिलेगा। उन्होंने राज्य के लोगों से पार्टी में जुड़ने का अनुरोध भी किया।

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