यह सुनने में बहुत हास्यपद लग रहा होगा लेकिन आजकल चंडीगढ़ मीडिया में एक ऐसा स्वयंभू पत्रकार शामिल हुआ है जो राशन चोर बनकर घूम रहा है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं इस राशन चोर के बारे में।

सबसे पहले तो यह स्वयंभू पत्रकार एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनल के लोगो (Logo) व नाम को कॉपी करके घूम रहा है। इसने अपने कार्ड पर एक बड़े नेशनल चैनल का नाम थोड़ा घूमा कर इस्तेमाल किया हुआ है कि आप अंतर तक नहीं बता पाएंगे लेकिन जब आप दोनों के नाम को बारीकी से तुलना करेंगे तो आपको पता चलेगा।

इस चैनल का इस्तेमाल कर यह स्वयंभू पत्रकार कॉन्फ्रेंस में घुस जाता है। अभी थोड़े समय से ही यह नज़र आना शुरू हुआ है। अब आपको बताते हैं इसकी ऐसी हरकत जिसको सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।

इस स्वयंभू पत्रकार ने एक दूसरे पत्रकार के ऑनलाइन गिफ्ट कूपन को किसी तरह हासिल कर उससे राशन शॉपिंग कर ली। दूसरे पत्रकार के फ़ोन पर जब कूपन इस्तेमाल होने का मैसेज आया तब उसे पता चला कि उसके साथ छल हो गया है। उसने जब इस स्वयंभू पत्रकार से बात की कि आपने मेरे कूपन का इस्तेमाल किया है तो काफी समय तक तो यह बात को घूमता रहा। लेकिन जब दूसरे पत्रकार ने साथी पत्रकारों को इस बात की जानकारी दी और उन्होंने इस स्वयंभू पत्रकार पर दबाव बनाया तब जाकर इसने माना कि गलती से इसने दूसरे पत्रकार का कूपन इस्तेमाल कर लिया है। अब सबको पता है कि यह काम गलती से तो नहीं होते हैं।

बाद में बात को खत्म करने के लिए इस स्वयंभू पत्रकार ने दूसरे पत्रकार को कैश में भुगतान करने का वादा कर मामला खत्म किया। ऐसे स्वयंभू पत्रकारों पर लगाम कसने के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है इसलिए ही ऐसे लोग इस प्रकार की हरकतें करके हमारे प्रोफेशन का नाम खराब कर रहे हैं।

अब सच में समय आ गया है कि हम सही, जायज़ व क्वालिफाइड लोगों को ही अपनी फील्ड में काम करने की छूट दें व गलत, स्वयंभू, नॉन-क्वालिफाइड लोगों को छांट कर बाहर का रास्ता दिखाएं। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब इनके राशन चोर बनने के ताने असली पत्रकारों को भी मिलने लगेंगे।

अब आप ही सोच लीजिए पत्रकार कहलाना है या राशन चोर???!

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