चण्डीगढ़ वैसे तो लोकसभा चुनावों को अभी लगभग 11 महीने का समय बाकी है पंरतु चंडीगढ़ में अभी सेराजनीतिक माहौल पूरी तह से गरमा गया है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के बाद से ही चंडीगढ़ पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुका है। उन दिनों भाजपा की ओर से मौजूदा सांसद किरण खेर की जगह प्रसिद्ध क्रिकेटर कपिलदेव का नामचंडीगढ़ के अगले भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उछला था।
अभी उस पर चर्चा का बाजार गर्म है कि इधर कांग्रेस मेंभी अगले उम्मीदवार को लेकर कई नाम सामने आ रहेहैं। प्रमुख तौर पर मनीष तिवारी का नाम लिया जा रहाहै। मीडिया में मनीष तिवारी का नाम आने पर आल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसायटी के संचालक राजनागपाल ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने इस बाबत पार्टी हाईकमान को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंनेकहा कि मनीष तिवारी ने वर्ष 2014 में चुनावी राजनीतिसे पलायन करके कांग्रेस को देशभर में नीचा दिखाया था। वे केंद्रीय मंत्री थे व उन्हें आगे बढक़र चुनावी चुनौतीस्वीकार करनी चाहिए थी परंतु उन्होंने चुनाव लडऩे से हीमना कर दिया जिसका जनता में गलत संदेश गया।
राज नागपाल ने कहा कि मनीष तिवारी द्वारा छोड़ी गईलुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार रवनीत बिट्टू नेरिकार्ड मतों से जीत हासिल करके उस समय देश भर मेंचल रही मोदी लहर को धता बता दिया था। हालांकि वहअपनी मोहाली सीट छोडक़र वहां लडऩे गए थे। उन्होंनेकहा कि मनीष तिवारी चंडीगढ़ में दो तीन माह के बादअपने गिने चुने चमचों के साथ फोटो खिंचाकर व पवनबंसल के खिलाफ प्रेस नोट जारी करके वापस दिल्लीभाग जाते हैं। आज अगर चंडीगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी हैतो वह मनीष तिवारी की वजह से है। उनका यहां कोईराजनीतिक वजूद नहीं है पर फिर भी वह यहां गुटबाजीको बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे। उनके खिलाफ एंटीपार्टी गतिविधियों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।