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महाशिवरात्रि पर मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन ने रुद्राक्षरोपण किया

चंडीगढ़

18 फरवरी 2023

दिव्या आज़ाद

आज महाशिवरात्रि है इस दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यहाँ शिवरात्रि का अर्थ “शिव शब्द का अर्थ है ‘कल्याण’ और ‘रा’ दानार्थक धातु से रात्रि शब्द बना है” तात्पर्य यह है कि जो सुख प्रदान करती है, वह रात्रि है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से माता पार्वती और शिव की पूजा-उपासना करते हैं।


आज इसी उपलक्ष में मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन के तत्वाधान में सेक्टर 24 डी चंडीगढ़ के निवासियों ने महाशिवरात्रि पर रुद्राक्षरोपण किया। रुद्राक्ष का पेड़ लगाने से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी रहती हैं और आप पुण्य के भागीदार बनते है। रुद्राक्ष का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा का धोतक हैं और शुद्व ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे पर्यावरण का शुद्धिकरण होता हैं।


वहां उपस्थित लोगों को मेहरा ने रुद्राक्ष के विषय में जानकारी दी उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष का शाब्दिक अर्थ होता है “रूद्र की आँख’’, रुद्राक्ष मनुष्य के लिए भगवान शिव द्वारा प्रदान किया हुआ एक अनुपम उपहार है। पौराणिक कथानुसार: जब भगवान शिव ने त्रिपुर नामक राक्षस के वध के लिए महाघोर रूपी अघोर अस्त्र का चिंतन किया, तब उनके नेत्रों से आंसुओं की कुछ बूंदे धरती पर गिरीं, जिनसे रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई। तभी से रुद्राक्ष का माहात्म्य बढ़ गया और वेदों में इसकी महिमा पाई गई है। महाशिवरात्रि के शुभावसर पर भगवान शिव भक्त पूजा-अर्चना, व्रत, दुग्‍धाभिषेक, जलाभिषेक एवं रूद्राभिषेक आदि कर महादेव की अनंत कृपा प्राप्त करते हैं।


रुद्राक्ष के संबंध में शिवपुराण, पदमपुराण, स्कन्द पुराण, रुद्रपुराण, श्रीमदभागवत, ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, काठक संहिता, विष्णुधर्मोंत्तर पुराण, सूत्रधार, विज्ञान, याज्ञवलक्य स्मृति आदि अनेकानेक ग्रन्थों में रुद्राक्ष का विशद वर्णन देखने को मिलता है। सभी ग्रंथों में रुद्राक्ष को साक्षात महादेव की परम प्रिय वस्तु माना है तथा उसके स्पर्श मात्र से परमधाम को प्राप्ति माना गया है। शिव साक्षात् रुद्राक्ष में वास करते हैं, इसलिए यह हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है। शिव तथा रुद्राक्ष एक-दूसरे के ही पर्याय हैं।
इस रुद्राक्षरोपण कार्यक्रम में मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन के संस्थापक कुलदीप मेहरा, सतिंदर सिंह गिल, भीम सिंह, महिपाल सिंह, मनोज कौंडल, विपन कुमार, बबलू, साहिल, विश्वनन्द नेगी, चिंटू, जपजीत, सात्विक सहित आयुष ने भाग लिया।