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आईएफएस अधिकारी डॉ अब्दुल क्य्यूम को नेशनल अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित

चंडीगढ़
29 जनवरी 2020
दिव्या आज़ाद
 
वन विभाग के सीनियर डिप्टी कंज़र्वेटर फॉरेस्ट डॉ० अब्दुल क्य्यूम चण्डीगढ़ आने से पहले अरुणांचल प्रदेश में कार्यरत थे। वहाँ उन्होंने वन विभाग में रहते हुए कईं अहम प्रोजेक्टों पर कार्य किया। जिसमें मुख्य रूप से eGoverance की दिशा में eForestFire के लिए कार्य किया। जिसकी वजह से देश के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में यह एक अनोखी पहल प्रदेश के वन क्षेत्रों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए उठाई गई है। जिसमें GIS की मदद से जंगलों में आग लगने का सही-सही पूर्वानुमान ग्रामीण स्तर पर ही लगाया जा सकता है। 
 
इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन के डॉ० क्य्यूम को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग भारत सरकार द्वारा eGoverance की दिशा में उनके प्रोजेक्ट eForestFire के लिए मुंबई में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 7 फ़रवरी 2020 को भारत सरकार के कार्मिक एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय द्वारा सामूहिक रूप से आयोजित कार्यक्रम में नैशनल अवार्ड देकर सम्मानित किया जायेगा। प्रत्येक वर्ष भारत सरकार की तरफ से ई-गवरेंस की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के लिए यह नैशनल अवार्ड दिया जाता है।
 
उपयोगकर्ता के अनुकूल ही इस मोबाइल ऐप, ई-फॉरेस्ट फायर के माध्यम से सूचना प्रसार में इतनी सरलता एवं तेज़ी आई है कि जंगल की आग को सिर्फ़ कम ही नहीं किया गया बल्कि सीमित सरकारी संसाधनों का सामरिक सदुपयोग भी सम्भव हो गया है और साथ ही आम जनमानस एवं प्रशासन के बीच भी दूरियों को कम किया जा सका है।
 
इस तकनीकी का प्रयोग करके एक अल्गोरिथम का विकास किया गया है जिससे कि आगामी वर्ष में होने वाले अग्नि सम्बंधित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सके। वन विभाग के उच्च अधिकारियों को अग्नि सम्बंधित घटनाओं एवं अन्य वन अपराधों की तात्कालिक सूचना दी जा सकती है। इस प्रकार के विशेष प्रयास से जंगलों में अग्नि सम्बंधित घटनाओं पर समय रहते तत्काल रोका जा सकता है ताकि ऐसी घटनायें जंगल में बड़े स्तर पर ना फैल सके। यह एक विशेष और अनोखी पहल न केवल प्रदेश के वन विभाग की अग्नि सम्बंधित घटनाओं से निपटाने की क्षमता में वृद्धि करता है बल्कि आम जनमानस की भी सुशासन में सहभागिता सुनिश्चित करता है।