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बिना प्रिंसिपल के चल रहा गाँव मलोया का सरकारी स्कूल : सुनील यादव

चंडीगढ़

13 अप्रैल 2022

दिव्या आज़ाद

चंडीगढ़ में गांवों के सरकारी स्कूल सरकारी तंत्र की उपेक्षा के शिकार हैं। गांवों के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं और इसका फायदा निजी स्कूल वाले उठा रहे हैं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक है वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिला देते हैं, लेकिन अधिकांश ग्रामीण बच्चे बगैर प्रधानाचार्य के सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं।


मलोया गाँव के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल का पद पिछले कई महीनों से खाली चल रहा है। स्कूल का इंचार्ज आरसी -1 की प्रिंसिपल को बनाया गया है जिसे अभिभावक सकते में है कि अभिभावकों का कहना है कि जब स्कूल के ही सीनियर शिक्षक स्कूल को नहीं संभाल सकते तब एक प्रिंसिपल दो-तीन स्कूलों का चार्ज संभालने में सक्षम कैसे हो सकता है। सरकारी तंत्र की उपेक्षा का शिकार स्कूल जो पिछले कई दशकों से सीनियर सेकेंडरी हुआ करता था अब सिर्फ मिडिल स्कूल बन कर रह गया है जिसे ग्रामीणों में भारी रोष है।

इस सिलसिले में बुधवार को ग्रामीण अभिभावकों का एक दल स्थानीय पार्षद निर्मला देवी, सरवन नाथ, हेमराज शर्मा , पूर्व सरपंच मामचंद राणा, युवा नेता सुनील यादव, रामकुमार राणा, राजकुमार राणा, विजय राणा, कृष्णन, दिलावर, राजा  लम्बरदार, व अन्य के नेतत्व में स्कूल का चार्ज देख रहे आरसी -1 की प्रिंसिपल से मिला और अपनी आपत्तियों का ज्ञापन भेट किया।