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किसानों का ज़बरन भला करने पर तुली सरकार

चंडीगढ़
8 दिसंबर 2020
दिव्या आज़ाद

नई दिल्ली में पिछले 12 दिनों से देशभर के किसान आंदोलन पर बैठे हैं। अपने हक्क के लिए किसान शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं जिसको विश्व भर से पूरा समर्थन मिल रहा है। आज आंदोलन के 13वें दिन पूरा भारत बंद है। हालांकि यह बंद केवल दोपहर 3 बजे तक चलेगा क्योंकि किसानों का मकसद किसी को परेशान करना नहीं है। वे केवल अपने हक्क के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

मुद्दे की बात यह है कि किसानों का कहना है कि हमने सरकार से कोई शिकायत या डिमांड ही नहीं की थी जिसके स्वरूप उन्हें यह कानून लाने की ज़रूरत पड़े। जब किसानों ने कोई डिमांड नहीं की तो आख़िर यह कानून क्यों पेश किया गया? किसके कहने पर यह कानून लाया गया? कौन है जिसने यह डिमांड रखी?

जिसने भी इस कानून की डिमांड रखी वे लोग सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? आख़िर हैं कौन वे लोग? जी वे हैं, साहब (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी) के जिगरी अंबानी-अडानी! यह कानून पास हुए अंबानी-अडानी की डिमांड पर जिसमें किसानों की कोई ज़रूरत शामिल नहीं है। जाहिर है कि अंबानी-अडानी ने अपना फायदा देखते हुए सरकार से यह कानून पेश करने के लिए कहा होगा।

किसानों का कहना है कि कानून तब बनता है जब कोई डिमांड आती है जब हमने डिमांड की ही नहीं तो हमारे लिए कानून बनाया ही क्यों गया है। किसानों का कहना है कि हमें ऐसा भला नहीं चाहिए लेकिन सरकार है कि ज़बरदस्ती भला करने पर तुली है। किसान यह कानून रद्द करवाने पर इसलिए अड़े हैं क्योंकि इसमें उनका फायदा नहीं बल्कि केवल हाई लेवल पर बैठे लोगों के खास अंबानी-अडानी का फायदा छिपा है जिसे किसानों का भला बोलकर परोसा जा रहा है। दूसरी ओर सरकार का कहना है कि वह संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन जो कानून किसानों के हक्क की बजाए उनके नुकसान के लिए बना हो उस में संशोधन से आखिर किसान का क्या भला होगा।
ऐसे भले से आखिर किसान ने लेना ही क्या!

आंदोलन की आग के चलते साहब अब अंबानी-अडानी से मुँह चुरा रहे हैं क्योंकि किसी ने नहीं सोचा था किसान अपना हक्क मांगने दिल्ली तक आ पहुंचेंगे।

अब तक तो रोटी खाते थे अब रोटियां भी सेक रहे

अब बात करते हैं सरकार की चापलूसी करने वाले कुछ लोगों की जिनमें शामिल हैं कंगना रनौत व पायल रोहतगी भी। सबको मालूम है कि हाल ही में कंगना ने क्या ट्वीट किया था जिस पर दिलजीत दोसांझ समेत पंजाबी इंडस्ट्री के कई नामी लोग व पंजाब से वास्ता रखने वाले स्टार्स ने करारा जवाब दिया था। जहाँ कंगना हिम्मत रखती हैं दिलजीत को करीना व करण जौहर का “चाटु” बोलने की, वहीं वह क्यों भूल गई हैं कि वो भी काफी समय से सरकार की “चाटु” बनी हुई हैं। साथ ही यह मुद्दा टिप्पणी करने के बजाए किसी के हक्क में उसका साथ देने का है न कि बेमतलब बातें करके जनता का ध्यान हटाने का। उनके ही नक्शे कदमों पर चल पड़ी हैं एक्ट्रेस व मॉडल पायल रोहतगी। हाल ही में पायल ने वीडियो के जरिए दिलजीत पर टिपण्णी करते हुए उन्हें “चाटु” बोला, बादल को इस मुद्दे पर राजनीति करने के लिए भला बुरा कहा यहां तक कि किसान आंदोलन को ही बेमतलब बताया।

कंगना व पायल भूल गईं कि आज तक उन्होंने जो रोटी खाई है या आगे भी खाएंगी वह केवल किसान की उपज से बनी है। अब तक तो ये किसान की दी रोटी खाती रही हैं लेकिन कुछ समय से इन्होंने किसानों के मुद्दे पर उल्टा-सीधा बोलकर अपने पॉलिटिकल कैरियर की रोटियां सेकना भी शुरू कर दिया है। असल मकसद है बस राज्यसभा सीट हासिल करना।

आज का भारत बंद केवल सरकार को यह बताने के लिए है कि यदि हमारे देश में किसी से उसका हक्क छीना जाएगा तो पूरा देश उसके खिलाफ एक जुट होकर आवाज़ उठाएगा व डटा रहेगा। पूरे विश्व में किसान आंदोलन को समर्थन मिला है क्योंकि यह हक्क की लड़ाई है!