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‘अमर रहे गणतंत्र हमारा’ पर ‘‘ई-कवि सम्मेलन’’ आयोजित

चण्डीगढ़

25 जनवरी 2021

दिव्या आज़ाद

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा ‘‘ई-कवि सम्मेलन’’ का ‘अमर रहे गणतंत्र हमारा’ विषय पर आयोजन दिनांक 25 जनवरी, 2021, दिन सोमवार, को सुबह 11.00 बजे ‘गूगल मीट एप’ के माध्यम से किया गया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बाराबंकी, उत्तर प्रदेश से कवि श्री संजय सांवरा व संचालन सीतापुर, उत्तर प्रदेश से श्री कमलेश मौर्य ‘मृदु’ ने किया।


प्रोफेसर सौभाग्य वर्द्धन, निदेशक, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला ने बताया कि इस कवि सम्मेलन का सीधा प्रसारण एन.जेड.सी.सी. के यूट्यूब चैनल व फेसबुक पेज पर किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ सीतापुर, उत्तर प्रदेष से श्रीमती शषि श्रेया ने मां सरस्वती को नमन करते हुए किया। फिर काकोरी, लखनऊ, उत्तर प्रदेष से अशोक अग्निपथी ने ‘‘पूजा न हुई जो वीर बांकुरों की देष में तो’’ व ‘‘झाँसी वाली रानी की रवानी मरदानी देख, शत्रुओं का दल हाय-हाय बोलने लगा’’, श्री शिवकुमार ‘व्यास’, बाराबंकी, उत्तर प्रदेष से ‘‘लोकतंत्र युक्त गणराज्य यह देश यहाँ, सर्व शक्तिमान सर्वश्रेष्ठ गणतंत्र है’’, पटियाला, पंजाब से श्री पंकज ने ‘‘जय-जय हिन्दुस्तान लिखें’’, सीतापुर, उत्तर प्रदेष से श्रीमती लक्ष्मी शुक्ला ने ‘‘कश्यप ऋषि की धरती पहचान हमारी है, झेलम की लहरों की हर तान हमारी है’’, बाराबंकी, उत्तर प्रदेष से डॉ. अम्बरीष ‘अम्बर’ ने ‘‘स्वरों में धार आये तो धरा की शान बन जाये’’, लखनऊ, उत्तर प्रदेष से श्रीमती शशि श्रेया ने ‘‘मिट गए जो देश खातिर उनके प्रति सम्मान का है, इस तिरंगे के सभी रंग में घुले बलिदान का है’’, कमलेश मौर्य मृदु ने ‘‘अमर रहे गणतंत्र हमारा, देश हमें प्राणों से प्यारा’’, अंत में बाराबंकी, उत्तर प्रदेष से श्री संजय सांवरा ने ‘‘पतझड़ को भी जो बसंत न बना दे फिर, बोलो वो है पुरवा सुहानी किस काम की’’, सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।