चंडीगढ़
4 जून 2021
दिव्या आज़ाद

वरिष्ठ पत्रकार व ब्लॉगर प्रिंसिपल भूपिंदर सिंह कुछ दिन पहले अपने सेक्टर 27-डी चंडीगढ़ के मकान नंबर 3265 में बेहोश हालत में गिरे हुए पाए गए। फेसबुक के द्वारा इसकी जानकारी मिलने पर सेवा ग्रुप के वॉलन्टियर मौके पर पहुंचे और उन्हें मनीमाजरा के अस्पताल ले गए। इसके बाद उन्हें ईडन हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया और आखिर में अब वह सेक्टर 32 के सरकारी अस्पताल में दाखिल हैं। अन्य पत्रकारों से मिली जानकारी के अनुसार बेहोश रहने के कई दिनों के बाद आज उन्हें थोड़ी देर के लिए होश आया और उन्होंने अपने अटेंडेंट से घर ले जाने की गुज़ारिश की। प्रिंसिपल भूपिंदर सेक्टर-11 सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं। इसके बाद पिछले कुछ सालों से वे वीडियो ब्लॉगिंग के जरिए पत्रकार जगत से जुड़े हुए हैं।

क्या है पूरा मामला ?

जब उन्हें बेहोश हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उन्होंने सेवा ग्रुप के लोगों को बताया कि उनके कज़न कुलदीप सिंह और कामवाली ने उन्हें 2-3 दिन से पानी व खाना नहीं दिया है। कुलदीप सिंह कुछ दिन पहले उन्हें बैंक ले जाकर एफडी और बैंक अकाउंट में खुद को नॉमिनी बनवा चूका है साथ ही बीमार हालत में उनसे ज़बरदस्ती वसीयत पर सिग्नेचर भी करवा लिए हैं। इसके बाद वह बेसुध हालत में अपने घर पर पाए गए जिसकी जानकारी रिटायर्ड आईएएस विवेक अत्रे को मिली और उन्होंने सोशल वर्कर शर्मिता भिंडर और सरताज लांबा को दी। इन्होंने आगे आकर प्रिंसिपल भूपिंदर सिंह को अस्पताल में भर्ती करवाया।

लिटरेरी सर्किल से जुड़े होने के कारण यह सभी प्रिंसिपल भूपिंदर को जानते थे। साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी की पीआरओ रेणुका सालवन और पत्रकार डिज़्नी बराड़ भी उनकी मदद के लिए आगे आए। मिली जानकारी के अनुसार ईडन हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद अस्पताल के खर्चे के लिए दिक्कत होने लगी जिसके लिए पत्रकार अंकुश महाजन ने चंडीगढ़ मीडिया के ग्रुप में मैसेज डाल कर सभी पत्रकारों से आर्थिक सहयोग की अपील की। अगले दिन ईडन हॉस्पिटल में सभी ने एक मीटिंग की और उन्हें सेक्टर 32 अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया व साथ ही उनके लिए डोनेशन का इंतेज़ाम हो गया।

Image Taken 3 days ago at Sector 32 Hospital

आगे क्या हुआ?

प्रिंसिपल भूपिंदर को सेक्टर-32 के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करने के तुरंत बाद व्हाट्सऐप ग्रुप्स में यह मैसेज फ़ैल गया कि उनका कज़न उनके घर की चाबी व उनका मोबाइल लेकर फरार हो गया है इस पर शर्मिता भिंडर ने सेक्टर-26 थाने में ईमेल के ज़रिये शिकायत दर्ज करवाई कि प्रिंसिपल भूपिंदर की जान को खतरा है। साथ ही प्रेस क्लब के प्रधान नलिन आचार्य ने भी सेक्टर-26 के एसएचओ को शिकायत भेजी व कार्यवाही की मांग की। अगले दिन हिमप्रभा अख़बार से श्रीकांत आचार्य प्रिंसिपल भूपिंदर को मिलने 32 हॉस्पिटल पहुंचे। 3 दिन पहले उनसे मिली जानकारी के अनुसार पुलिस पड़ोसियों व एनजीओ के लोगों के बयान दर्ज करके ले गई है। लेकिन अब तक कोई भी एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं मिली है।

अगले दिन नलिन आचार्य ने चंडीगढ़ के एडवाइजर मनोज परिदा को भी इस मामले की शिकायत की। साथ ही बीते कल विवेक अत्रे ने कार्यवाही की मांग करते हुए चंडीगढ़ एसएसपी को शिकायत भेजी है। श्रीकांत आचार्य लगातार उनके अटेंडेंट से संपर्क में हैं व बीच में जाकर उनकी हालत का जायज़ा भी ले रहे हैं।

क्या है मौजूदा हालात?

आज श्रीकांत आचार्य से मिली जानकारी के अनुसार प्रिंसिपल भूपिंदर की हालत गंभीर है। कई दिनों के बाद आज उन्हें थोड़ी देर के लिए होश आया और उन्होंने घर जाने की मांग की। उनका कज़न व कामवाली अभी भी फरार हैं और पुलिस द्वारा किसी भी करवाई की सूचना नहीं मिली है। अभी तक यह भी पता नहीं चल पाया है की उन्हें ज़बरदस्ती कुछ देकर बेहोश करने की कोशिश की गई थी या नहीं। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी गंभीर हालत किडनी की समस्या होने की वजह से है व बाकी टेस्टों की रिपोर्ट कल आएगी। शहर की जानी-मानी हस्तियों से मिली मदद के कारण उनकी जान तो बच गई है लेकिन यह समझ से परे है कि पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही सामने क्यों नहीं आई है।

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