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चोरी, यारी और नशा छुपाए नहीं छुपता मित्रा: गुरदास मान

मोहाली
9 फरवरी 2017
दिव्या आज़ाद

चोरी, यारी और नशा छुपाए नहीं छुपता मित्रा। कुछ ऐसा ही पेश किया गया है गुरदास मान की नई एलबम पंजाब के टाइटल ट्रैक में। गुरूवार को मोहाली स्थित नॉर्थ कंट्री मॉल में अपनी नई एलबम पंजाब के टाइटल ट्रैक को रिलीज़ करने पहुंचे गुरदास मान, उनकी पत्नी मंजीत मान और बेटा गुरिक मान। पहली बार गुरदास मान कुछ ऐसा पेश करते नज़र आए हैं जो लोगों ने कभी उम्मीद नहीं की होगी। इस नई सोच का श्रेय गीत के डायरेक्टर यानि उनके बेटे गुरिक मान को दिया गया है।
इस गीत की वीडियो में पंजाब के मौजूदा हालात को एक बहुत ही आधुनिक तरीके से पेश किया गया है। इतिहास को मॉडर्न ज़माने के हालात के साथ जोड़कर दिखाया गया है जहां भगत सिंह समय के साथ यात्रा करते हुए नए ज़माने के पंजाब में आकर मौजूदा हालात को देखता है और लोगों के लिए शहीद होने पर दुखी होता है। समय का किरदार निभाते हुए गुरदास मान बहुत ही अच्छा संदेश दे रहे हैं।
गुरदास मान ने बातचीत के दौरान बताया कि आज के बच्चों को पंजाब की कहानी बताने के लिए यह तरीका चुना है। मैं और गुरिक बहुत समय से पंजाब में चल रही समस्याओं को महसूस कर रहे थे तभी इन्हें इस रूप में पेश किया है। समाज में सभ्याचार संभालने की ज़िम्मेदारी हमारी है और जिस प्रकार पंजाब नशे में डूबता जा रहा है उसे इन चीज़ों से बाहर निकलना होगा। चिंगारी तो बहुत पहले से अंदर भड़क रही थी इसलिए ही मैंने पहले भी कई गीतों में नशों का ज़िक्र किया था।
नशे से बर्बाद होते पंजाब को बचाने में सरकार की भूमिका पर बोलते हुए गुरदास मान ने कहा कि सरकार का फर्ज़ है कि अपने देश को सही दिशा दे लेकिन इसके साथ ही जनता का भी इन चीज़ों को बढ़ावा देने में बहुत बड़ा हाथ है। जो नियम या कानून हमारे लिए बनाए जाते हैं हम उनका पालन नहीं करते और केवल सरकार को दोष देते हैं।
पहली बार निर्देशन में अपना हाथ अजमाने वाले गुरिक मान ने बताया कि मेरे दिमाग में यह सोच पिछले 10 वर्षों से चल रही थी जब मैं विदेश में था लेकिन मेरे पिता ने मुझे एक बार कहा था कि जब ऊपर वाले की मर्ज़ी होगी तब यह गीत बाहर आएगा और आज यह दिन आ गया है कि हम सब पर रब्ब की मेहर हुई है। मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि मैं एक बहुत बड़े लेजेंड गुरदास मान को डायरेक्ट कर चूका हूं और आज यहां उनके साथ बैठा हूं। इस वीडियो में जिन चीज़ों को दर्शाया गया है उन्हें मैंने कई बार अपनी आंखों के सामने होता देखा था और मैं इन्हें बदलने के लिए कुछ करना चाहता था। मैंने अपने पिता से इस पर चर्चा की और मेरी माँ मंजीत मान और पिता गुरदास मान के मार्गदर्शन में मैं अपनी सोच को पेश करने में सफल रहा हूं।
इस गीत को शाम 6 बजे सोशल मीडिया पर रिलीज़ किया गया जिसे अब तक बहुत अच्छा रिस्पांस मिलता दिख रहा है।