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चंडीगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह गानों द्वारा वाहन चालकों को सड़क नियमों का पालन करने का दे रहे हैं सन्देश

चंडीगढ़

22 जून 2017

विनोद कुमार 

चंडीगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह पिछले कई वर्षों से लोगों को ट्रैफिक नियमों से अवगत करा रहे हैं। उनका यह जागरुकता अभियान गानों के द्वारा भी होता है। भूपेंद्र सिंह ने चंडीगढ़ से डॉ. विनोद कुमार से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें गाना गाने का बचपन से शौक रहा है। पिछले 2 सालों से विशेष तौर पर चंडीगढ़ के वाहन चालकों को सड़क नियमों की पालना करने बारे जागरुक करने के लिए गानों के माध्यम से उन तक सन्देश पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह आर्केस्ट्रा और ट्रैक के गानों के माध्यम से अधिक से अधिक पब्लिक तक अपनी बात को रखना चाहते हैं ताकि आये दिन हो रही मौतों से लोग सबक लें। उन्होंने बताया कि दुर्घटना से परिवार में मातम छा जाता है। चालान लोगों को कुछ हद तक नियमों का पालन करने की ओर अग्रसर तो करता है लेकिन इसके वावजूद कुछ लोग नियमों की धज्जियाँ उड़ाने से बाज नहीं आते। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे सड़क नियमों की पालना करें। अपने जीवन के साथ- साथ  लोगों  के जीवन को खतरे में न डालें। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सड़कों पर  एक्सीडेंट्स से लोगों के सपनों को चकनाचूर होते हुए देख बहुत दुःख होता है। नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर वे खुद अपनों से दूर होते हैं। मन करता है कि स्वयं और औरों की जिंदगी को मुसीबत में डालने वाले लोगों को सचेत करूँ ताकि वे सही रास्ते पर आ सकें। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पैदल चलने वालों को फुटपाथ का प्रयोग जरूर करना चाहिये। भूपिंदर के  गानों में चालान करूदा, सिर ते हेलमेट पा लिया कर पुलिस चंडीगढ़ दी चालान बड़ी करदी, रात दे नाके पेण धमाके, सड़कां दा खेल ए, छल्ला पिंड तों आया- घर तों पढ़न क्लाया, गेढ़े चंडीगढ़ लाउन्दा – न सिर ते हेलमेट पाउन्दा, लख्खा लोकी ओवर स्पीड तो मरदे ने, सड़क ते कइयाँ दे सपने चूर हुंदे देखे ने, सड़क ते पैदल चलन वाले अपना आप बचा लो, फुटपाथ ते चलना सीखो या मौत नू गले लगा लो आदि खुद लिखे और गाते हैं। हेड कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनका जागरुकता अभियान सड़कों तक ही सिमटकर नहीं रहता बल्कि समारोहों में भी लोगों को अपने गानों से सड़क नियम पालने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। सड़क पर सड़क पर अंधाधुंध ड्राइविंग करने वाले युवाओं को समय-समय पर जागरुक करते रहते हैं यह जागरुकता शिविर, सेमीनार और मेले के दौरान होती है इसके साथ-साथ स्कूल और कॉलेज में जाकर गानों और लेक्चर के माध्यम से युवाओं को सड़क के कायदे-कानूनों को मानने के लिए जागरुक किया जाता है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि गानों के माध्यम से लोग जल्दी जागरूक होते हैं गाने लोगों के मन मस्तिष्क पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं। लोग भी इन गानों को गुनगुनाने लगते हैं जिससे दूर दराज तक सड़क नियमों की पालना करने का संदेश आसानी से पहुँच जाता है।