चण्डीगढ़

21 अप्रैल 2017
दिव्या आज़ाद

श्री चैतन्य गौड़ीय मठ प्रतिष्ठान के प्रतिष्ठाता नित्यलीला प्रविष्ट ओम विष्णुपाद 108 त्रिदंडी स्वामी श्रीमद् भक्ति दयित माधव गोस्वामी जी महाराज के प्रियतम शिष्य तथा ‘वर्ल्ड वैष्णव एसोसिएशन’ के अध्यक्ष व अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के वर्तमान प्रधानाचार्य ओम विष्णुपाद 108परम पूज्यपाद त्रिदंडी स्वामी श्रीमद् भक्ति वल्लभ तीर्थ गोस्वामी जी महाराज ने गुरुवार को भगवान श्री राधा-कृष्ण की नित्य लीला में प्रवेश किया। वह 93वर्ष के थे। कुछ समय से वह काफी अस्वस्थ चल रहे थे। वह देश विदेश से आये भक्तों द्वारा किये जा रहे महासंकीर्तन मय वातावरण में स्वजनों को विरह सागर में निमज्जित करते हुए परमब्रह्म भगवान श्री राधा कृष्ण जी की नित्यलीला में 20 अप्रैल को रात 10:15 बजे प्रवेश कर गये।

परमहंस श्रील भक्ति वल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी के गोलोक धाम जाने की खबर सुनकर विश्वभर के समस्त वैष्णव वृंद समाज को भारी सदमा पहुंचा है तथा सभी भक्त गहरे शोक में डूब गए हैं। गुरु जी को 22 अप्रैल को सुबह 11:30 बजे भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु जी के आविर्भाव स्थान  श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, मायापुर, जिला नदिया (वैस्ट बंगाल) में वैष्णव परंपरा के अनुसार स्माधि दी जाएगी। सम्पूर्ण गौड़ीय वैष्णव जगत के विभिन्न मठाधीशों एवं देश -विदेशों से आये सहस्तरों संतों की उपस्थिति में महाराज श्री का महाभिषेक एवं दोपहर 12:30 बजे समाधि कार्यक्रम सम्पन्न होगा।
गुरु जी आजकल मठ के हैड आफिस 35-सतीश मुखर्जी रोड, कलकत्ता में वास कर रहे थे।

उच्च शिक्षा  (फिलॉसोफी में मास्टर्स डिग्री) प्राप्त महाराज श्री ने निरंतर सात दशकों तक अनथक परिश्रम एवं बिना किसी जात पात ऊंच नीच के सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म के सार स्वरूप हरिनाम संकीर्तन का प्रचार प्रसार करते हुये 34 देशों के लाखों जीवों के चरित्र को उज्जवल बनाकर उनके परम मंगल का मार्ग प्रशस्त किया।महाराज श्री का जन्म 19 अप्रैल 1924 को आसाम में हुआ था।

चण्डीगढ़ में भी शोक की लहर:  कई गणमान्य हस्तियों ने शोक जताया
चण्डीगढ़। महाराज श्री के महाप्रयाण पर देश-विदेश के साथ साथ चंडीगढ़ में भी कई गणमान्य लोगों ने गहरा शोक जताया है। श्री चैतन्य गौड़ीय मठ चंडीगढ़ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता के अनुसार के अखिल भारतीय महामंत्री आचार्य श्री विष्णु महाराज जी, चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष संजय टंडन, हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता व मंत्री ज्ञानचंद गुप्ता, पूर्व राज्यपाल ले.जनरल बीकेएन छिब्बड़, चंडीगढ़ की महापौर आशा जायसवाल चंडीगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व पार्षद सतिंदर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल, पूर्व महापौर सुभाष टंडन, वरिष्ठ उपमहापौर राजेश कुमार बिट्टू, वरिष्ठ भाजपा नेता गिरधारी लाल जिंदल,भाजपा नेता सुश्री रूबी गुप्ता आदि ने अपने संदेश में उन्हें महान हस्ती बताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
महाराज श्री से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग:

 ‘कौन गाली दे रहा था, मैंने तो सुना ही नहीं
एक बार की बात है जब श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज श्री जी का संन्यास नहीं हुआ था। उनके पूर्वाश्रम का नाम था कृष्ण-वल्लभ।
वे आसाम राज्य के तेजपुर गौड़ीय मठ में कुएँ के पास बैठे थे कि तभी एक नौजवान वहाँ पानी भरने आया।
तभी क्या हुआ, किसी को मालूम नहीं, परन्तु वह बड़ी जोर-जोर से महाराज श्री को  गालियाँ देने लगा। महाराज श्री तब ब्रह्मचारी थे।
महाराज श्री के गुरुजी परम-आराध्यतम, नित्यलीला प्रविष्ट विष्णुपाद 108 श्रीश्रीमद् भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज, उस समय तेजपुर मठ के साधु-निवास कि पहली मंजिल पर ठहरे हुए थे।
मठ में किसी के द्वारा जोर-जोर से से गालियाँ देने की आवाज सुनकर महाराज श्री के गुरुजी कमरे से बाहर निकले तो देखा कि एक व्यक्ति उनके प्रियतम् शिष्य को बड़े गुस्से में अनर्गल गालियाँ दिये जा रहा है। उस व्यक्ति के द्वारा इतनी जोर-जोर से गाली देने का कारण जानने के लिए गुरुजी ने महाराज श्री को आवाज लगायी — कृष्ण बल्लभ! कृष्ण बल्लभ!!
अपने गुरुजी की आवाज सुनकर महराज श्री चौंक गये।
तभी एक ब्रह्मचारी, श्रीनारायण प्रसाद (अब पूज्यपाद त्रिदण्डिस्वामी श्रीश्रिमद् भक्ति भूषण भागवत महाराज) महाराज श्री के पास आये और कहा – प्रभुजी! गुरुजी आपको आवाज लगा रहे हैं।
आप हड़बड़ाकर उठ खड़े हुए और बड़ी नम्रता से अपने गुरुजी की ओर देखने लगे। गुरुजी ने पूछा — क्या हुआ?
महाराज श्री असमंजस में पड़ गये कि गुरुजी क्या पूछ रहे हैं। आप अपने आप में बड़बड़ाये ‘क्या हुआ? गुरुजी क्या पूछ रहे हैं?’
तब श्रीनारायण ब्रह्मचारी ने कहा – वो व्यक्ति जो पानी लेकर जा रहा है वह आपको इतनी जोर-जोर से गालियाँ क्यों दे रहा था?
महाराज श्री ने पूछा – कौन गाली दे रहा था, मैंने तो सुना ही नहीं।
आपका उत्तर सुनकर गुरुजी मुस्कुरा दिए और कहने लगे ये तो परमहंस है।

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