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“जीवन में संस्कार भरती है भागवत कथा”

चण्डीगढ़

23 जनवरी 2018

दिव्या आज़ाद

देवालय पूजक परिषद द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा प्राचीन खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28-डी में चल रही है जिसमें कथावाचक पं. ईश्वर चंद्र शास्त्री ने आज कहा कि अच्छे संस्कारों के लिए भागवत कथा सुननी चाहिए। माता पिता की सेवा, बड़ों का सम्मान, गायों व संतो के प्रति श्रद्धा रखना आदि जितने भी संस्कार व धर्म हैं हमें भागवत कथा से मिलते हैं। राजा परीक्षित की कथा सुनाते हुए पं. शास्त्री जी ने बताया कि राजा परीक्षित ने शमीक ऋषि का अपमान कर दिया जिससे उसको श्राप मिला और उसे एहसास हुआ कि संतों का अपमान नहीं बल्कि सम्मान करना चाहिए। माता-पिता, संत एवं अतिथि हमारे भगवान होते हैं। उनकी आज्ञा का पालन करना ही इनकी सेवा करना है। आज के संदर्भ में देखें तो आज का नवयुवक संस्कारविहीन हो गया है, इसीलिए आज समाज में अराजकता, भ्रष्टाचार, अनाचार व  अत्याचार आदि कितने ही अनैतिक काम हो रहे हैं। हमें चाहिए कि हम अवश्य ही नौजवानों को कथा के माध्यम से नैतिकता सिखाएं व उन्हें कथा सुनने के लिए प्रेरित करें। आज के मुख्य यजमान रजनीश अग्रवाल, नवीन अग्रवाल व संतोष अग्रवाल थे जबकि  यहां मौजूद गणमान्य लोगों में स्वर्णा गुप्ता, विंदू बंसल, गीता गुलाटी, आचार्य रविंद्र मिश्र, पंडित सुभाष शर्मा, पंडित श्रवण कुमार, आचार्य कैलाश प्रसाद व  पंडित गुरु प्रसाद आदि शामिल थे ।