चंडीगढ़

18 अप्रैल 2023

दिव्या आज़ाद

सिटी आफ एजुकेशन में आज बच्चे बुनियादी शिक्षा के लिए यहां वहां भटकने को विवश हैं। हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन ने गरीब, असहाय तबके के बच्चों के लिए गैर सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए सीटों का कोटा निर्धारित कर रखा है। लेकिन हाय तोबा तो तब मची जब यह देखने में आया के गरीब मलिन बस्तियों झोपड़पट्टी क्षेत्रों और पुनर्वास कॉलोनियों के बच्चों को अपने ही क्षेत्रीय सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना टेढ़ी खीर बन गया। अवसरवादी लोग इस मुद्दे का कई तरह से तारपीडो कर रहे हैं।
लेकिन चंडीगढ़ की पूर्व महापौर और कांग्रेस आई की धाकड़ जुझारू कर्मशील कांग्रेसी वरिष्ठ नेता कमलेश बनारसीदास ने इस मार्फत आज निजी तौर पर जाकर डायरेक्टोरेट एजुकेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एचएस बराड़ से मुलाकात करते हुए इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना करने की गुहार लगाई है। और सभी बच्चों को शिक्षा पाने के अधिकार से वंचित ना किया जाए। यह भी सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने गरीब तबके के बच्चों को पेश आ रही दाखिले के मामले में मुश्किलातों से निदेशक बराड़ को बखूबी वाकिफ करवाया। और डायरेक्टर एजुकेशन स्कूल्स ने भी पूर्व महापौर कमलेश बनारसीदास की हर बात और सलाह मशविरा को और समस्या के समाधान को बखूबी सुना और आश्वासन दिया कि कोई भी बच्चा बुनियादी शिक्षा से वंचित नहीं रह पाएगा। कमलेश बनारसीदास ने सेल्फ डिफेंस के मुद्दे पर भी आपसी विचार विमर्श किया।
पूर्व महापौर ने यह भी हैरत जताई की शिक्षा के इस शहर में शिक्षा के मंदिर के किवाड़ शिक्षा पाने वाले नौनिहालों के लिए उनके गरीब लाचार हालातों के कारण बंद कर दिए गए हैं। यह जरूरतमंद बच्चे और उनके अभिभावक और मां-बाप दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। और नाना प्रकार के शोषण का भी शिकार हो रहे है। लेकिन स्कूल के प्रबंधकीय ढांचे की ओर से इन को किसी भी तरह का सकारात्मक हल नहीं मिल पा रहा है। इसीलिए यह बीड़ा खुद पूर्व महापौर ने शिक्षा के महत्व और जीवन की बुनियादी जरूरतों में अग्रणी पंक्ति में शुमार एक शिक्षा का भी मिलना बहुत जरूरी है। इसीलिए आज चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग के निदेशक, एचएस बराड़ से मिलकर उनको वस्तु स्थिति से अवगत करवाया।

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक किसी भी बच्चे को अपने ही निवास के क्षेत्र स्कूल में दाखिला मिलेगा। इससे उसको वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इसमें एक मुद्दा यह भी उभर कर आया है कि बच्चों के पास अपने जन्म तिथि प्रमाण पत्र का अभाव है। इस को लेकर स्कूल के प्रधानाचार्य आदि उनको स्कूल के मेन गेट से अंदर भी घुसने नहीं दे रहे हैं। इस मार्फत पूर्व महापौर कमलेश बनारसी दास दैनिक हॉक के स्थानीय वरिष्ठ संवाददाता को बताया कि बच्चों को उनके ही क्षेत्रीय स्कूलों में दाखिला नहीं मिल रहा है। उनकी गरीबी का उपहास उड़ाया जा रहा है। और कुछ के तो सिफारिशों के बलबूते कुछ बच्चों के दाखिले हो रहे हैं। और बिना सिफारिश वाले बच्चे दर-दर भटक रहे हैं। उनके अभिभावक भी दिहाड़ी आदि छोड़कर बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। निदेशक, शिक्षा विभाग से मिलकर उनको सारी वस्तु स्थिति से अवगत करवाया। और निदेशक एचएस बराड़ ने भी उनको आश्वासन दिया कि किसी भी बच्चे को उसके बुनियादी अधिकार शिक्षा प्राप्ति से वंचित नहीं रखा जाएगा।

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