चंडीगढ़
22 अक्तूबर 2018
दिव्या आज़ाद
सेक्टर 34 स्थित मेला ग्राउंड में दीवाली तक चलने वाला मेला हर वर्ष की तरह इस साल भी शहरवासियों के लिये आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है। गत 18 सालों से भी अधिक यह वार्षिक मेला चंडीगढ़ की शान माना जाता है जिसका हिस्सा बनने के लिये हर कोई आतुर रहता है। आयोजकों के अनुसार इस वर्ष गत वर्षो की तुलना ओर अधिक दर्शकों के आने की संभावना है। सांस्कृतिक छटा को बिखरेता यह मेला जहां ग्राहकों के लिये शापिंग के अनेको विकल्प प्रदान करता हैं वहीं दूसरी खाने पीने के साथ झूलों में मनोरंजन की भरमार भी है। मौज मस्ती, शापिंग और खाने पीने के लिये प्रसिद्व यह आयोजन हर वर्ष यहां आने वाले लोगों के लिये यादगर बन जाता है।
मेले के आयोजक सुरेश कपिला ने बताया कि मेले में इस साल भी कश्मीर से लेकर यूपी तक के प्रदर्शनीकार आये हुयें हैं। सर्दियों के आगमन पर लोग कश्मीर की शालें व अन्य कपड़ो की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं जबकि पंजाबी और राजस्थानी जूतियां एक बार फिर सबकी पसंद बनी है। कई स्टॉलों में डेकोरशन उत्पाद है तो कहीं में दीवाली के मनमोहक गिफ्ट शामिल हैं। यूपी की खुजरा पोट्री व चीनी मिट्टी के बर्तन और कारपेट की खरीदारी से भी कोई भी अपने आप को वंिचत रखना नहीं चाहता । देश भर में प्रसिद्व सहारनपुर के फर्नीचर की झलक और खरीद यहां मेले में उपलब्ध है। परिधानो में डिजाईनर सूट्स और कुर्ती के साथ साथ सिल्क साड़ियां,  लखनउ की चिकनकारी सहित अन्य कपड़ों की रेंज यह पेश की गइ है। किताब प्रेमियों के लिये विभिन्न विषयों पर मात्र 200 रुपये किलों की दर से किताबें खरीदने को मिल रही है।
कपिला ने बताया कि शांपिंग के साथ साथ विशेष राजस्थानी फूड के स्टॉल राजस्थान के पारम्परिक व्यंजन पेश करेंगें जिसका मजा शायद आपने पहले कभी न लिया हो । फास्ट फूट के विविध विकल्प के बीच दिल्ली की चाट और बर्फ का गोला भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है। सभी के सेवन के बाद अंत में आग उगलता पान जो कि पहले बार चंडीगढ़ में लाया गया है, मुंह में डालते असानी से पिघल जाता है। यह अनोखा पान लोगों को खूब भा रहा है।
देर शाम तक सांस्कृतिक आयोजनों के लिये एक विशेष स्टेज तैयार किया गया है जहां कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।

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