चंडीगढ़
22 मार्च 2022
दिव्या आज़ाद
आज के युग में मानवता अथवा इंसानियत के लिए बड़े बड़े कसीदे पढ़े जाते हैं। हर कोई मानवता की बात करता है पर उसे मूल रूप देने में कहीं कोई ठोस सबूत नहीं दिखते, ज़रुरत तो यह है की हम इंसानियत को लेकर सजग हों और यह सन्देश फैलाएं कि मानवता से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है। आज मानवता मर रही है,उसका गला घोंटा जा रहा है। मानवता के इसी मर्म को पहचान, ट्राइसिटी की एक त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रीटा दत्त ने इस गीत को लिखा , संगीतबद्ध किया व गाया और हिंसा और विनाश के खिलाफ आवाज उठाई जो युद्ध निर्दोष लोगों पर लाता है।
यह गीत मानवता को समर्पित है , इस गीत में कलाकार गीत के बोलों और भावों से परिपूर्ण आवाज़ में दुनिया को बचाने के लिए मानवता का आवाहन कर रहा है। डॉ. रीटा दत्त ने अपना गीत मासूमों और युद्ध पीड़ितों को समर्पित करते हुए कहा, “मैं एक ऐसा गीत बनाना चाहती थी जो लोगों पर युद्ध के प्रभाव को दर्शाता हो।जो युद्ध के सदमे को ठीक करने के लिए दया और मानवता की आवश्यकता को दर्शाता हो।” जिसमें भावनात्मक प्रभाव ,पीड़ा और कष्ट के परिदृश्य को सहने की शक्ति हो। यह गीत यूक्रेनी युद्ध और सामान्य रूप से युद्धों में प्रभावित जीवन के ताने बाने के इर्दगिर्द घूमता मानवता की बात करता है और कहता है “ह्यूमैनिटी -वेयर आर यू ” इंसानियत तू कहां छुपी बैठी है।
पेशे से एक त्वचा विशेषज्ञ वह एक संवेदनशील संगीतकार भी हैं, जो एक बहुप्रतिभाशाली कलाकार जिनकी सामाजिक सशक्तिकरण, महिलाओं और वंचितों में गहरी रुचि है। गाने को यूट्यूब पर उनके चैनल जर्नी जर्क्स पर सुना जा सकता है। पिछले साल उन्होंने महिलाओं को समर्पित एक फिल्म “नारी” भी बनाई थी। जीवन में उनका मिशन रचनात्मकता और समावेश के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।