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किसान दिवस पर विशेष: सरकार की पोल खोल


चंडीगढ़
23 दिसंबर 2020
दिव्या आज़ाद

आज किसान दिवस है और हमारे देश का अन्नदाता सड़कों पर बैठा अपने हक्क के लिए लड़ रहा है। इस मुद्दे पर हर किसी की अपनी प्रतिक्रिया है। जहां ज़्यादातर लोग किसानों की इस लड़ाई को सही मानकर उनका साथ दे रहे हैं। वहीं भाजपा के नेता व कार्यकर्ता इन किसान कानूनों के फायदे बता कर इस आंदोलन को व्यर्थ साबित करने में लगे हैं।

गत माह चंडीगढ़ के जे डब्लू मैरियट में हुए एक कार्यक्रम में भाजपा के सीनियर लीडर व पूर्व कैबिनेट मंत्री विजय सांपला ने शिरकत की थी। मौके पर अन्य पार्टियों के लीडर भी मौजूद थे। सभी ने किसान आंदोलन पर अपने विचार सांझा किए। जब बारी आई विजय सांपला की तो उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं व यह आंदोलन केवल विपक्ष द्वारा भड़काए गए किसान कर रहे हैं।

मंत्री जी ने अपना तर्क रखने के लिए ऐसे उदाहरण दिए कि उनकी खुद की पार्टी की पोल खुल गई। मंत्री जी ने कहा कि जब भी समाज या जनता के लिए कुछ नया व अच्छा किया जाता है तो उसका हर सरकार को विरोध सहना पड़ता ही है।

उन्होंने 2 उदाहरण देते हुए कहा कि जब देश पर कांग्रेस सरकार का राज था उस समय जब भाखड़ा डैम बना, उसके निर्माण ने कई राज्यों की ज़िंदगी में एक अच्छा बदलाव किया था। उसके बावजूद विपक्ष ने इसका बहुत विरोध किया था। विपक्ष द्वारा उस समय जनता को बरगलाया गया कि इस डैम से निकलने वाले पानी की पूरी शक्ति बिजली निर्माण में ही इस्तेमाल हो जाएगी और जनता को सादा (फोका) पानी दिया जाएगा जो खेतों की फसल के लिए व पीने के लिए किसी काम का नहीं होगा।

उन्होंने दूसरा उदाहरण देते हुए कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो वे देश में कंप्यूटर की क्रांति लेकर आए। उस कंप्यूटर क्रांति के कारण भी हमारे देश ने बहुत तरक्की की तो वह एक सही कदम था। लेकिन उस समय भी विपक्ष ने इसका कुप्रचार किया था कि इससे तो देश में बेरोजगारी बढ़ेगी। जब 10-10 लोगों का काम एक कंप्यूटर करेगा तो लोग बेरोजगार होंगे। विपक्ष ने इतना दुष्प्रचार किया कि भारत बंद तक भी किया गया था।

मंत्री जी ने कहा कि इस प्रकार ही किसान कानून भी किसानों के भले के लिए ही हैं लेकिन इस समय का विपक्ष किसानों को बहका रहा है। मंत्री जी जोश जोश में शायद यह भूल गए कि भाखड़ा डैम का विरोध या कंप्यूटर क्रांति का विरोध करने वाले आगू जन संघ व भाजपा थे। (जन संघ व भाजपा आरएसएस के पॉलिटिकल विंग हैं)

जोश जोश में आकर मंत्री जी को याद ही नहीं रहा कि वे अपनी ही पार्टी के बारे में बात कर रहे हैं। वे शायद भूल गए कि उन्होंने जिन अच्छे कामों का विरोध होने की बात की है वह उनकी खुद की पार्टी ने किया था। या फिर मंत्री जी यह कहना चाहते थे कि हर अच्छे काम विरोध केवल भाजपा ही करती है।