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सोलफुल सोजॉयरन में दिखें कैनवॉस पर बिखरे प्रकृति के खूबसूरत रंग

चंडीगढ़
28 अप्रैल 2017
दिव्या आज़ाद
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो ये उसकी करीब जाने का एक बेहतरीन मौका है। ‘सोलफुल सोजॉयरन’, एक तीन दिवसीय प्रदर्शनी है जो कि आज गर्वनमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी, सेक्टर 10 में आज शुरू हुई और इसमें पेंटिंग्स और कोलॉजस को प्रस्तुत किया गया है।
शहर निवासी कलाकार अनु सिंहने खूबसूरत लैंडस्केप्स की खूबसूरत परिभाषा को प्रस्तुत किया है। प्रदर्शनी में उन्होंने अपनी 80 से अधिक कलाकृतियों को प्रस्तुत किया है और उन्होंने अपना बेहतरीन और अलग काम कलाप्रेमियों के समक्ष रखा है।
अनु, जो कि एक प्रोफेशनल साइकोलॉजिस्ट काउंसलर हैं और अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन से जुड़ी हैं, ने देश और विदेश में कई एग्जीबिशंस आयोजित की हैं। चंडीगढ़ में उनके आर्टवर्क का ये आठवां आयोजन हैं, जिसका उदघाटन आज श्री तेजवीर सिंह, प्रिंसिपल सचिव, मुख्यमंत्री पंजाब ने किया।
अनु अपनी प्रदर्शिनियों को पूरे देश के शहरों में आयोजित कर चुकी हैं जिनमें शिमला, दिल्ली और मुंबई आदि कुछ प्रमुख नाम हैं। वहीं विदेश में लुइऽो, वेरिजी, इटली और मार्था जैकसन गैलरी, न्यूयॉर्क में भी वे अपनी कला को पेश कर चुकी हैं। हाल ही में उनकी एक प्रदर्शनी मैनहट्टन, अमेरिका में भी हुई है। बीते साल जून में अमेरिकी राज्य, मिसूरी के गर्वनर द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया।
अनु का कहना है कि वह गाउचे का उपयोग करती हैं जो कि एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट्स को कैनवॉस पर फैविकॉल को रंगों का आधार के तौर पर उपयोग करते हुए तैयार किया जाता है। अधिकांश पेंटिंग्स को कार्डबोर्ड या स्साटुला के साथ बनाया गया है क्योंकि वे चाहती थीं कि पेंटिंज््रस का एक अच्छा टैक्सचर आए।
चंडीगढ़ निवासी इस 36 वर्षीय कलाकार के लिए प्रकृति, कला के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्त्रोत है। अपने काम के पसंदीदा थीम प्रकृति के बारे में विस्तार से बात करते हुए अनु ने बताया कि ‘‘प्रकृति के साथ मेरी निकटता ने मुझे आत्मीय सुकून दिया है और मुझे कलात्मक काम करते हुए आनंद मिलता है। इसी के चलते मैं खूबसूरत रंगों को पैलेट और पेपर पर उभारने के लिए प्रेरित होती हूं। ’’
उन्होंने बताया कि सिर्फ माध्यम ही नहीं, विषयों में भी मेरी काफी दिलचस्पी है। अनु ने बताया कि ‘‘मैंने इस कलात्मक काम की कोई पारंपरिक  शिक्षा नहीं ली है बल्कि पेंट करना मेरा जुनून है, जिसे मैंने आगे बढ़ाया है और आगे भी ऐसा ही करती रहूंगी। मेरे परिवार ने भी मुझे भरपूर समर्थन दिया है और अपनी कल्पनाशीलता के साथ हर बार जब भी में रंगों के साथ खेलती हूं तो कुछ ना कुछ नया तैयार कर देती हूं।’’
एक कलाकार के तौर पर मैंने प्रकृति के साथ अपने कलात्मक सफर की शुरुआत 9 साल पहले की थी और मैं अपने कलात्मक काम से कलाकृतियां तैयार करते हुए कलाप्रेमियों के मन में उनकी छाप छोडऩे का प्रयास करती रहूंगी।
प्रदर्शनी 30 अप्रैल, रविवार  तक जारी रहेगी और ये सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन रहेगी।