चण्डीगढ़
14 दिसंबर 2019
दिव्या आज़ाद
पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के कड़े आदेश के बाद मजबूरीवश सख्त हुए नगर प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने चण्डीगढ़ को तो अवैध रेहड़ी-फड़ी वालों से तो मुक्त करवा दिया है तथा शहर भी बदला बदला सा नजर आने लगा है पर इसके उल्ट से. 26 स्थित सब्जी मंडी में हालात और भी बदतर हो गए हैं, खासकर दोपहर के बाद। यहां स्थित मार्केट कमेटी, जिस पर इस क्षेत्र के सुचारू संचालन व रखरखाव आदि का दायित्व है, के दफ्तर की दीवार से ही फुटपाथ पटरी पर अतिक्रमण का सिलसिला आरंभ हो जाता है और लोग कमेटी संचालकों के एक्शन से बेखौफ़ धड़ल्ले से जगह कब्जाए बैठें हैं। दोपहर बाद तो सारी पार्किंग भी नदारद हो जाती है व पार्किंग वाले कारिंदें वसूली करते पाए जाते हैं। साथ ही कई अफसरों के ड्राइवर भी बड़ी-बड़ी गाड़ियों में मुफ्त की शाक-भाजी ढोते हुए पाए जाते है। हालांकि किसी भी राज्य में स्थित उच्च न्यायालय जो अंतिम आदेश पारित करते हैं वो सारे देश में लागू होता है पर से. 26 स्थित सब्जी मंडी जैसे इस दायरे से बाहर है, यहां आकर कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है।
पीपल के नीचे मूत्र का तालाब
यहां मार्केट कमेटी के दफ्तर के पीछे व ग्रेन मार्केट चौक के पास स्थित एक धार्मिक आश्रम की दीवार के साथ सर्दियां शुरू होते ही बड़ी संख्या में लोग-बाग रात-दिन लघुशंका करते है जिससे सड़क पर काफी मात्रा में मूत्र बहने लगता है जो यहां लगे पीपल के पेड़ों के नीचे भी जमा हो जाता है। इससे धार्मिक भावनाएं तो आहत होती ही हैं व साथ ही वातावरण भी दुर्गन्धमय हुआ रहता है जोकि बेहद अशोभनीय है।
पहले यहां सुलभ शौचालय रखे गए थे परन्तु मूत्र अधिकता के कारण इसमें से बह कर सड़कों पर आ जाता था। समस्या को देखते हुए यहां पक्का शौचालय भी निर्मित कराया गया है पर उस पर ताला जड़ा रहता है जिस कारण लोग अपनी लघुशंका को खुले में निपटाने को मजबूर हैं, जिससे मोदी सरकार की शौचमुक्त भारत की अवधारणा ध्वस्त होती लगती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत योजना भी इस क्षेत्र में फैली गंदगी के कारण बेअसर दिखती है।