चण्डीगढ़

21 मई 2018

दिव्या आज़ाद

देशवासियों के सामने जीडीपी व रोजगार में बढ़ोतरी के जो आंकड़े रखे जा रहे हैं वे बिल्कुल भ्रामक हैं। ये खुलासा चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया, जो यहां भाजपा सांसद व पूर्व फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के साथ संयुक्त तौर पर पत्रकारों के समक्ष रू-ब-रू थे।

उन्होंने इस बाबत बताया कि 2014 में देश की जीडीपी 4.5% थी। मोदी सरकार ने जीडीपी तय करने का पैमाना ही बदल दिया जिससे ये 6.5% हो गई हालाँकि इस सरकार के द्वारा गलत ढंग से लागू की गई नोटबंदी व जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुक्सान पहुँचाया। हकीकत में आज भी हमारी जीडीपी 4.5५% के आसपास ही है। इसी प्रकार रोजगार वृद्धि को भी गलत-सलत तरीके अपना कर दर्शाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि किसी उद्यम में १९ तक कर्मी है तो उन वे ई पी एफ के दायरे में नहीं आते, परन्तु एक भी कर्मी और जुड़ने पर वे इसके दायरे में आ जाते हैं। इस प्रकार रोजगार तो असलियत में एक ही बढ़ा परन्तु सरकार इसे 20 रोजगार की वृद्धि बताती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ जुमलेबाजी ही हो रही है।

श्री सिन्हा, जिन्होंने हाल ही में भाजपा की सदस्यता छोड़ कर दलगत राजनीति से किनारा कर लिया है, ने बताया कि आजकल वे राष्ट्र मंच नामक एक गैर राजनीतिक संस्था के जरिये देश के विभिन्न भागों में जा रहे हैं जहां उन्हें भारी जन समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में बहुत कुछ गलत हो रहा है जिन्हे सही करने के लिए इस मंच का गठन किया गया है।

देश की पाकिस्तान से निपटने की नीति को भी उन्होंने गलत करार देते हुए अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि पंजाब व जम्मू-कश्मीर के सीमा क्षेत्र के निवासियों ने उनसे समान सवाल किया था कि स्थानीय लोगों को अशांति के हवाले करने की बजाए मुंबई या दिल्ली से सीमा पार जबाव क्यों नहीं दिया जाता?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को लेकर पूछे गए सवालों को उन्होंने सधे हुए अंदाज में दरकिनार करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है बल्कि देश में हो रही गलत बातों से हैं।

भविष्य में बनने जा रहे महागठबंधन के नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि समयानुसार नेतृत्व भी उभर आएगा।

देश भर की 120 किसान जत्थेबन्दियाँ एक जून से छेड़ेंगी आंदोलन  

सिन्हा ने जानकारी दी कि सरकार की नीतियों से परेशान होकर एक जून से देश में किसान अपना आन्दोलन शुरू करने जा रहे है। इसके लिए देशभर की 120 किसान जत्थेबन्दियाँ एकजुट हो गयीं हैं व इसका आगाज मध्यप्रदेश से हो रहा है जिसके तहत किसानो ने फैसला किया है वो अपना सामान बेचने के लिए शहर नहीं जायेंगे, साथ ही शहर से भी कोई भी सामान नहीं खरीदेंगे। ये बहिष्कार 10 दिनों तक चलेगा। इससे साबित होता है कि देश का महत्वपूर्ण वर्ग किसान भी अन्य वर्गों की तरह सरकारी नीतियों से कितना परेशान है।

अटल-आडवाणी वाली पार्टी नहीं रही अब, बोले भाजपा के शत्रु 

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया की वे नाना जी देशमुख व जयप्रकाश जैसे नेताओं की प्रेरणा से भाजपा में शामिल हुए थे व वो समय भी देखा जब पार्टी के पास केवल दो ही सीटें थीं। उन्होंने कहा कि पार्टी के बुरे दिनों से लेकर इसकी सफलता के सफर को उन्होंने बड़ी करीबी से देखा है परन्तु आज की पार्टी अटल-आडवाणी वाली पार्टी नहीं नहीं रही। इसी बात की टीस यशवंत सिन्हा की बातों में भी बार-बार झलकी।

देश में भय का माहौल 

भाजपा के शत्रु ने व्यथित मन से कहा कि आज देश में भय का माहौल बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि कितना कुछ गलत हो रहा है देश में परन्तु कोई भी जुबान खोलने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये अस्वीकार्य है, इसलिए मैं गलत को गलत कहना नहीं छोड़ सकता।

यशवंत सिन्हा को गुरु व बड़े भाई का दर्जा दिया शत्रुघ्न सिन्हा ने 

शत्रुघ्न सिन्हा ने यशवंत सिन्हा को गुरु व बड़े भाई का दर्जा देते हुए कहा कि इनके साथ पत्रकारों के सवालों का सामना करते समय मुझे बहुत सहूलियत रहती है क्योंकि सारे हमले यशवंत जी ही झेल लेते हैं व मैं बच जाता हूँ।

“सिचुएशन जो भी हो-लोकेशन वही रहेगी”  

पत्रकारों द्वारा शत्रुघ्न सिन्हा से बार-बार घुमा फिरा कर भाजपा मैं उनकी स्थिति, पार्टी को छोड़ने अथवा पार्टी द्वारा उन्हें अब तक क्यों नहीं निकाला गया आदि के बारे में पूछा गया परन्तु शत्रु ने भी मंझे हुए राजनीतिज्ञ की भांति पत्रकारों को कोई हैडलाइन नहीं दी व अंत में अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि “सिचुएशन जो भी हो-लोकेशन वही रहेगी”।

धवन भी पहुंचे पुराने यारों के साथ 

चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में पूर्व केंद्रीय मंत्री व समाजसेवी हरमोहन धवन, जो आजकल जन  कल्याण मंच के जरिये सक्रिय हैं, भी अपने पुराने यारों यशवंत सिन्हा व शत्रुघ्न सिन्हा के साथ पधारे।

 

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