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मैडम बोले जी सर

आज हम आपको एक ऐसी मैडम और सर के बारे में बताएंगे जो दुनिया की रीत से कुछ उल्टा ही चलते हैं…. काम भी उनके उल्टे ही हैं। अकसर ऐसा कहा सुना और देखा जाता है कि औरतें मर्दों को अपनी उंगलियों पर नचाती हैं। पर यहां किस्सा अलग है, जरा गौर फरमाइए…. मैडम की डोर सर के हाथों में है। जैसा सर कहते हैं मैडम वैसा ही करती हैं। सर ने कहा उठो, तो उठ जाती हैं, सर ने कहा यहां नहीं जाना तो मैडम नहीं जाती हैं, सर कहा इससे बात नहीं करनी तो मैडम नहीं करती हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि मैडम सर की कठपुतली हैं। मैडम न अपनी कोई इच्छा है, न कोई मर्ज़ी चलती है, मैडम अपनी हर चीज़ के लिए सर पर निर्भर करती हैं। जो काम करने से सर डरते हैं, ज़्यादातर सर मैडम को वहां आगे कर देते हैं। सर की मर्ज़ी के बिना मैडम कुछ नहीं कर सकती हैं।

पर वहीं दूसरी ओर सर पर कोई नियम लागू नहीं होता है। सर वो सब करते हैं, जो मैडम को बिलकुल पसंद नहीं है। सर उन लोगों से बात भी करते हैं जो मैडम को एक आँख नहीं भाते हैं। पर मैडम को उन लोगों से बात करने की बिलकुल भी इजाजत नहीं है जिनसे सर की न बनती हो।
यहां तक कि सर अपने मतलब के लिए मैडम के साथ धोखा भी कर सकते हैं। सर को हर इवेंट में जाने और खाना खाने का पूरा पूरा शौंक है, गिफ्ट तो फिर नेसेसिटी है ना! तो सर मैडम को केवल वहीं लेकर जाते हैं, या जाने देते हैं जहां से सर को कोई खतरा न हो। यदि कोई पीआर अकेला आने को कहे या इवेंट के बारे में किसी से भी बताने के लिए मना करे तो सर मैडम तक को भनक नहीं लगने देते कि वो कहां गए थे। झूठ बोलने और डिप्लोमैटिक होने में तो सर को महारत हासिल है। सर लोगों से बनाये रखने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। फिर चाहे वो किसी की पीठ में कंजर मरना हो या किसी का पत्ता काटना, या फिर किसी की जी-हुज़ूरी करना।
जब अच्छे इवेंट में जाने या किसी बड़े बंदे से मिलने की बात आती है तो सर अकेले ही दिखाई पड़ते हैं। सर तो इतने शातिर हैं कि मार्केटिंग करना हो या ऐड लेना, सर बस अपने लिए लेते हैं और मैडम को मिलता है ठेंगा। ऐड से आए पैसे की मैडम को आज तक भनक तक नहीं लगी, मैडम बस उम्मीद में बैठी रह गई। मैडम के किए हुए अच्छे कामों का श्रेय भी सर सबके सामने अपने नाम पर ले लेते हैं। यहां तक कि सर सरकारी खर्चे पर बाहर तक घूम आते हैं पर मैडम बेचारी झूठ के साएं में ही जीती रहती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सर ने चिल्ला चिल्ला कर और धोखाधड़ी करके अपनी तो पहचान बना ली है पर मैडम का ज़्यादातर लोग नाम तक नहीं जानते हैं। (यहां हम असली पत्रकारों की बात कर रहे हैं, स्वयंभू तो इनके चहिते हैं)
मैडम को हर व्यक्ति सर के साथ पाई जाने वाली महिला के नाम से जानता है।
सारी दुनिया में सर ने मैडम का तमाशा बना दिया है… या यूं कहें मैडम ने खुद बनवा लिया है।

हमारी सहानुभूति सर और मैडम दोनों के साथ है…. सर को धोखाधड़ी छोड़कर कोई ढंग का काम करना चाहिए…. और मैडम को थोड़ा अपनी सेल्फ-रेस्पेक्ट के बारे में सोचना चाहिए।

आज तक बस सुना था कि मुफ्त की हर चीज़ इंसान का दिमाग ख़राब कर देती है, यहां तो दोनों ने लिविंग एग्जाम्पल बनकर साबित भी कर दिया।

जी सर… जी सर… जैसा आप बोलो सर… मुझे भी अपनी तरह झूठ और बेशर्मी का सहारा दे दो… मुझे भी चाहिए मुफ्त की हर चीज़!!!!!!