चंडीगढ़
8 जनवरी 2020
दिव्या आज़ाद
न्यू कांग्रेस पार्टी [एनसीपी] युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष विवेक हंस गरचा ने आज चंडीगढ़ हेल्थ डिपार्टमेंट में गठित एम्प्लोयी यूनियनों के फर्जी लीडरों की संपत्ति की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। विवेक हंस गरचा ने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट के यूनियन लीडर कांग्रेस व भाजपा के दलालों के माध्यम से दलित समाज के भोले-भाले लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे लाखों रूपये हेंठते हैं वे लोग अधिक पढ़े – लिखे ना होने के कारण उनकी बातों में आ जाते हैं व लूट जाने के बाद आवाज़ नहीं उठा पाते अगर कोई आवाज़ उठाने का प्रयास करें तो उसकी आवाज़ को गुंडागर्दी से दबा दिया जाता है।
इन फर्जी लीडरों के इलावा कई अफसर भी इसमें लिप्त हैं रकम में उनका भी हिसा होगा जिस कारण उन्होंने अपना मार्ग दर्शक उन अनपढ़ प्रधानों को बना रखा है विवेक हंस गरचा ने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड के मुताबिक बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो की नौकरी पर होने के बावजूद नौकरी करने नहीं आते उन सफाई कर्मचारीयों ने आगे दिहाड़ी पर अपनी जगह अन्य मजदूर लोगों से अपना काम करवाते हैं व खुद अपना अन्य कारोबार अपने बच्चों के नाम पर चला कर सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूट रहें हैं। ऐसे लोगों को भी नौकरी से निकाल देना उचित होगा विवेक हंस गरचा ने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट में ठेकेदार के पास भी लगने के लिए निम्न वर्ग से यूनियनों के प्रधान हज़ारों रूपये हेंठते हैं सुनने में आया है कि यह कार्य काफ़ी लम्बे अरसे से चला आ रहा है कांग्रेस व भाजपा के कुछ दलाल इस काले कारोबार में लिप्त होने के कारण आज तक किसी ने इनके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई शहर की उच्च स्तरीय अफसरशाही पर राजनितिक प्रेशर है जिसके कारण इन अनपढ़ प्रधानों के होंसले बुलंद हैं।
यह अनपढ़ प्रधान सरकार से मासिक आय भी लेते हैं और काम भी नहीं करते कुर्ता पजामा पहन कर निम्न कर्मचारीयों पर रौब झाड़ते हैं जब की इनका कार्य भी सफाई कर्मचारीयों वाली वर्दी पहन कर सड़कों पर झाड़ू लगाने का है लेकिन ऐसा नहीं होता ये खुद फाइनल करते हैं किसकी ड्यूटी कहाँ होगी ये अनपढ़ प्रधान अपनी आय से अधिक संपत्ति बनाने के साथ -साथ महंगी गाड़ियों में घूमते हैं इन प्रधानों के यदि विचार सुने जाये तो शहर के मौजूदा व पूर्व सांसद इनके द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों अनुसार कार्य करते हैं जबकि इनके अपने घरों में इनको कोई पूछता तक नहीं ! चुनाव आते ही ये शहर की राजनितिक पार्टियों को अपनी एम्प्लोयी यूनियनों के समर्थन का झांसा देकर उनसे लाखों रूपये हेंठते हैं साथ ही शराब की पेटीयां भी बड़ी संख्या में एकत्रित करके बाद में उस शराब को गैर कानूनी तरीके से शहर की कॉलोनीयों में बेचते हैं व बची खुची खुद पी जाते हैं।
विवेक हंस गरचा ने कहा कि ठेकेदारों के पास भी कार्य कर रहे कर्मचारीयों का लेखा जोखा एडमिनिस्ट्रेशन अपने पास रखे उनको दी जाने वाली मासिक आये में भी धांधली की आशंका है विवेक हंस गरचा ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच में यदि कोई प्रधान या यूनियन विंघन डालने का प्रयास करें तो विरोधियों को नौकरी से हटाना ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि ये लोग घर से काम करने नहीं लूट खटुस करने आते हैं शाम तक जेब गर्म हो जाने पर ये घर चले जाते हैं इन प्रधानों की जब से ये कार्य कर रहें हैं तब से लेकर आज तक की आय के हिसाब से संपत्ति छोड़ अन्य संपत्ति जब्त कर युवाओं की रोजगार योजना में लगाई जाये ताकि दलित समाज के कम पढ़े – लिखे नौजवानों को रोजगार मिल सके !