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बाबा बालक नाथजी की भव्य चौंकी आयोजित

जीरकपुर

19 सितम्बर 2021

दिव्या आज़ाद

जो भगवान की भक्ति करता हैं संकट उसके निकट कभी नही मंडराता। भक्ति में शक्ति होती है भगवान को भक्त के भाव मात्र से ही ज्ञात हो जाता है। यह बात बाबा बालक नाथ जी की चौंकी के दौरान बाबा तजिंदर पाल सिंह ने चौंकी में माथा टेकने आये श्रद्धालुओं से विश्वकर्मा मंदिर, जीरकपुर में कही। इस अवसर पर बाबा बालक नाथजी की बाबा तजिंदर पाल सिंह ने चौंकी भी लगाई।

चौंकी से पूर्व बाबा बालक  नाथ की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। तद्पश्चात बाबा तजिंदर पाल सिंह द्वारा चौकी आरम्भ की।

बाबा बालक नाथ जी की चौंकी पर प्रसिद्ध गायकों में मास्टर सलीम, पंजाबी गायक जगपाल संधू, पंजाबी गायक गुरी गिल, व अमित राणा, मामा भांजा एंड पार्टी, लक्की एंड पार्टी, मशहुर गायक राजीव राजस्थानी, डीजे तांडव म्यूजिक़ल बैंड से गायिका स्वाति व पंजाबी कलाकारों में सिमरलपाल सिंह व सोनू प्रधान ने माथा टेका और बाबा जी का आर्शीवाद लिया तथा सुंदर भजन गाकर उपस्थित हुए श्रद्धालुओं का समां बांधा।

प्रसिद्ध भजन गायक मास्टर सलीम ने अपनी प्रस्तुति में  भोले की बारात चली.., मेरे जोगी नाथ…, जैसे मंत्र मुग्ध कर देने वाले भजन गाकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं दुआ पंजाबी सॉग फेम गुरी गिल ने मेरा लिख दे गुलामां विच नां..व इस शाने कर्म का क्या कहना.. ., प्रसिद्ध पंजाबी गायक जगपाल संधू ने मस्त मलंग मेले चलिए, मेरे पौणाहारी दा मेला, अन्य भजन गायकों में भजन गायक राजीव राजस्थानीअज रौणकां ने लगिया, तेरे करके.. अमित राणा ने हर बोर्ड मे चढिया तथा गायिका स्वाति ने जेहड़ा की जोगी तेरे दर आयेगा.. ..ने अपने मधुर भजन गाकर श्रद्धालुओं को निहाल किया।  

इस अवसर पर संगत के श्रद्धालु शुभम शर्मा व अन्यों ने बताया कि बाबा बालक नाथजी की चौंकी हर रविवार को सुबह भक्तों के लिए आयोजित की जाती है जिसमें पूरे देश के विभिन्न कौनों से संगत आती है और अपनी जीवन की अलग अलग समस्याओं से निजात पाती है। उन्होंने बताया कि यहां पर चौकी में बाबा बालक नाथजी को किसी प्रकार का चढ़ावा निषेध है तथा दूर दर्राज के क्षेत्रों से माथा टेकने व अपनी मुरादों को पूरा करने वाले जरूरतमंद लोगों की उनके आने जाने का खर्चा भी दिया जाता है जिसके लिए कुछ नियम बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि जो श्रद्धालु पूरे विश्वास के साथ चौंकी में आते हैं वे अपनी मांगी मुरादों को पूरा होते देखते हैं।

चौकीं के समापन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।