गुरु का लंगर आई हॉस्पिटल में खुलेगा उत्तर भारत का पहला आई बैंक

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चंडीगढ़

17 मार्च 2020

दिव्या आज़ाद

चंडीगढ़ में उत्तर भारत का पहला आई बैंक खुलने जा रहा है। ये आई बैंक सेक्टर 18 स्थित गुरु का लंगर चैरिटेबल आई हॉस्पिटल में स्थापित किया जाएगा। ये जानकारी गुरु का लंगर आई हॉस्पिटल के जनरल सेक्रेटरी एच एस सभरवाल ने दी।

एच एस सभरवाल ने बताया कि आई बैंक की शुरुआत के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इंस्पेक्शन कर इसके लिए जन जागरूकता शुरू कर देने को कह दिया गया है। एच एस सभरवाल ने आगे बताया कि ये उत्तर भारत का पहला और बड़ा आई बैंक होगा। इसकी शुरुआत हो जाने पर उन लोगों के लिए अच्छी खबर होगी, जिनकी आंखों की रोशनी जा चुकी है। अब बिना पैसा खर्च किये कोर्निया ट्रांसप्लांट कर सकते है। एच एस सभरवाल ने आगे बताया कि इसकी शुरूआत से पहले जान जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी। जिसके तहत गुरु का लंगर चैरिटेबल आई हॉस्पिटल की ओर से 05 सदस्यीय टीम मंदिर, गुरुद्वारा, स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थानो में विजिट करेगी और नेत्र दान जैसे पुण्य कार्य के लिए जागरूक करेगी। ताकि लोग मृत्यु पश्चात नेत्रदान के लिए प्रेरित होकर शपथ ग्रहण करें।एच एस सभरवाल ने बताया कि नेत्रदान करने वाले परिवार को उनके इस नेक काम के लिए सम्मानित किया जाएगा।

एच एस सभरवाल के अनुसार कोर्निया ट्रांसप्लांट के लिए पी जी आई में लगभग 4 साल की वेटिंग है। जबकि इस आई बैंक की शुरुआत होते ही मात्र एक हफ्ते के भीतर मरीज का कोर्निया ट्रांसप्लांट कर उसे जरूरी मेडिसिन सहित घर भेज दिया जाएगा। उनके अनुसार कोर्निया ट्रांसप्लांट के लिए मृतक की आंख को सुरक्षित रखने के लिए अमेरिका से सवा करोड़ रुपये की एक मशीन भी मंगवा ली गई है। उन्होंने बताया कि आई बैंक की शुरूआत होने के बाद हॉस्पिटल की तरफ से कोर्निया ट्रांसप्लांट पूरी तरह से मुफ्त में होगा। पी जी आई में यहां कोर्निया ट्रांसप्लांट के लिए 25-30 हजार खर्च आता है, वही उनके यहाँ ये फ्री होगा। इसके अलावा मरीजों के रहने व खाने की व्यवस्था भी हॉस्पिटल की तरफ से होगी।

वही गुरु का लंगर चैरिटेबल आई हॉस्पिटल के प्रवक्ता रविन्द्र सिंह बिल्ला ने वताया की आई हॉस्पिटल द्वारा शुरू किए जा रहे इस प्रयास से लोगों को बहुत फायदा होगा।

वहीं इस अवसर पर सौरभ केमिकल की तरफ से गुरु का लंगर चैरिटेबल आई हॉस्पिटल को 28 लाख रुपए की कीमत की एक मशीन भी डोनेट की गई। जिसके जरिये डोनेट की गई आंखों की स्ट्रेंथ की जांच की जा सकती है।

सौरभ केमिकल के चैयरमैन परवीन गोयल ने कहा कि हॉस्पिटल द्वारा समाज सेवा के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए इस मशीन को सौंपा गया है।

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