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“दुआएं  कबूल हो जाएं”

जब दर्द असहनिय हो जाता है,
मीलों दूर से बेटा चिल्लाता है,
बेटे की अति पीड़ा का एहसास,
मां को मीलों दूर से हो जाता है।
       उधर रात में  तडपे बेटा पीड़ा से,
       इधर मां रात भर सो ना पाती है,
       बार बार  उठ जाती बिस्तर से,
       कमरे में वो चक्कर लगाती है।
अस्पताल में भर्ती पीड़ा में है बेटा,
उसकी पत्नी वहां देख भाल करे,
डाक्टरों, नर्सों की टीम पूरी तरह
11 K.V. के करंट का उपचार करेँ।
        थोडी सी लापरवही हो जाने से,,
        इन्फेक्शन  का खतरा बढ़ता है,
        स्वस्थ्य पूछें बारी बारी से  अगर,
        इन्फेक्शन का खतरा टलता है।
कोई पास में रह कर देखे उसको,
कई दूर बैठे ही दुआएं करते हैं,
कामना करेँ स्वस्थ्य वो हो जाए,
सबकी दुआएंं कबूल हो जाएं ।
बृज किशोर भाटिया,चंडीगढ़