पिछले आर्टिकल के बाद लगता नहीं कि डार्लिंग अब किसी पहचान की मोहताज हैं। नगर निगम चुनाव हारने के बाद भी सबसे ज़्यादा चर्चा में डार्लिंग ही रहीं। एक राष्ट्रीय पार्टी के चंडीगढ़ से स्थानीय नेता ने अपने ड्राइवर व डार्लिंग को निगम चुनावों में टिकट दिला दी थी। यह वो पार्टी है जो हमेशा दूसरी मुख्य विपक्षी पार्टी पर परिवारवाद व भाई भतीजावाद को लेकर करारा प्रहार करती रही है।

अब हमारे पिछले आर्टिकल के वायरल होने से जीतने वाले यानी ड्राइवर जी, उनकी तो कोई पूछ नहीं हुई, परंतु हारने वाली डार्लिंग जी की फोटो मोस्ट वांटेड रही। अब चर्चा है कि ‘डार्लिंग’ महोदया को एक अहम ज़िम्मेदारी सौंपी जा रही है। चुनाव हार गईं तो क्या हुआ खास होने की भी अपने कोई फ़ायदे होते हैं।

इन्हें अब पार्टी के ‘महिला विंग’ का जिम्मा सौंपा जा रहा है। गौरतलब है कि मौजूदा महिला विंग की प्रधान पार्षद चुनाव हार गईं हैं इसलिए वे अब अपना पद छोड़ने की इच्छुक हैं। ऐसे में लगता है कि स्थानीय नेता जी को किसी और को पद देने की बजाए डार्लिंग जी को ही खुश किया जाना सही लगा।

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