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चण्डीगढ़ के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भारी कमी

चण्डीगढ़
5 फरवरी 2018
दिव्या आज़ाद

शहर में लगभग 115 सरकारी स्कूल हैं जहां 442 शिक्षकों की कमी है। ये खुलासा  चंडीगढ़ कांग्रेस के महासचिव शशिशंकर तिवारी द्वारा डाली गई आरटीआई के जरिए हुआ है। उन्होंने बताया कि आरटीआई के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार शहर में शिक्षकों के कुल 2442  पद हैं जिनमें से नियमित अध्यापकों की संख्या 1757 है, जबकि कांट्रैक्ट के तहत 47 टीचरों की सेवाएं ली जा रही हैं। इसी तरह 196 गेस्ट टीचर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर इस समय चंडीगढ़ में 2000 शिक्षक हैं। अभी भी 442 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।
शशिशंकर तिवारी ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा शासित चंडीगढ़ प्रशासन में विद्यार्थियों की कोई सुनने वाला नहीं है। जब स्कूलों में शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो वहां पर शिक्षा कैसे मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो शिक्षक स्कूलों में हैं उन्हें भी वोट बनाने और सर्वे आदि करने के कामों पर लगा दिया जाता है जिससे स्कूलों में शिक्षा और प्रभावित होती है।
तिवारी ने चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मांग की है कि चंडीगढ़ में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को जल्द से जल्द भरा जाए और जिन शिक्षकों की ड्यूटी स्कूल से बाहर के कामों में लगाई जाती है वह न लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कारणों से चंडीगढ़ में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट बहुत खराब आता है। उन्होंने कहा कि जहां एक कक्षा में 40 छात्रों को पढऩे के लिए होना चाहिए वहां पर सौ छात्र बैठने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रशासन से चंडीगढ़ के स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने की मांग की है।