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बिग बॉस चहेतों पर मेहरबान, छोटे रिपोर्टरों के पेट पर लात

कोविड-19 ने न केवल हमारे जीने के तरीके पर असर डाला है, साथ ही साथ इसने बहुत से लोगों के चेहरे को बेनकाब भी किया है। कौन ज़रूरत के समय काम आता है और कौन केवल बातों से ही साथ होने का दावा करता है यह सच भी सामने आया है। चंडीगढ़ मीडिया में भी पत्रकारों को ऐसा ही कुछ झेलने को मिल रहा है। बड़े अख़बारों के उच्च पद पर बैठे अधिकारी किस प्रकार छोटे व युवा पत्रकारों के पेट पर लात मार रहे हैं। बिग बॉस अपने चहेते पत्रकारों व बड़े पद पर स्थापित पत्रकारों की नौकरी बचाने के लिए छोटे पद पर काम कर रहे पत्रकारों की बलि चढ़ा रहे हैं।

ऐसे बहुत से अख़बार हैं जिनमें हाल ही में छोटे पद पर काम कर रहे पत्रकारों को बिना किसी वज़ह के निकल दिया गया है या उन्हें रिजाइन करने के लिए मजबूर किया गया है। किसी को समझ आया हो या नहीं लेकिन इसके पीछे की असली वज़ह है बिग बॉस का अपने चहेतों पर मेहरबान होना। कम सैलरी में काम करने वाले युवा पत्रकारों को निकाल कर अखबारों में छठनी की जा रही है। फंड्स कम होने के कारण जहां ज़्यादा सैलरी वालों को निकालने की कोशिश थी वहीं चहेतों को बचाने के लिए कम सैलरी वालों की बलि दी जा रही है, फिर चाहे वे कितने ही टैलेंटेड या वर्षों से काम क्यों न कर रहे हों।

इस रवैये से जहां निकाले जाने वालों का घर चलाना मुश्किल हुआ है, वहीं उनका मनोबल भी टूटा है। कोई भी व्यक्ति यदि किसी संस्थान के साथ जुड़ता है तो उसकी भावनाएं भी साथ जुड़ जाती हैं। अपना 100% देने के बाद भी अगर किसी को यूं बिना गलती के अचानक से निकल दिया जाए तो उसका आत्मविश्वास व भरोसा टूट जाता है। ऐसा केवल बड़े पद पर काम कर रहे चमचों व चहेतों की नौकरी बचाए रखने के लिए किया जा रहा है।

छठनी हमेशा यह देखकर की जानी चाहिए कि कौन संस्थान के लिए कितना और कैसा काम कर रहा है, न कि यह देखकर की सैलरी कितनी है या कौन चहेता/चमचा है। वैसे छोटे पदों पर काम करने वाले पत्रकारों को निकालने से न केवल उनका नुकसान हुआ है बल्कि आगे आने वाले समय में अख़बारों का खुद का नुकसान भी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि सभी अफसरशाही पत्रकार रह जाएंगे तो फील्ड में जाकर ख़बरें कौन लाएगा। साथ ही अफसरशाही पत्रकार अपनी सैलरी कम लेने के बजाए बढ़ाने की ही हिमायत करते रहेंगे। तो बिग बॉस को यह सोचने की जरूरत है कि इस बिग बॉस के घर से एलिमिनेशन सही नियमों के अनुसार होनी चाहिए। नहीं तो कहीं अगला सीजन बीच में ही न रह जाए।