चण्डीगढ़

21 अक्टूबर 2019

दिव्या आज़ाद

भारत तिब्बत सहयोग मंच चण्डीगढ़ का प्रतिनिधिमंडल मंच के अध्यक्ष अश्वनी पराशर के नेतृत्व में चण्डीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर सरदार मनदीप सिंह बरार से मिला और महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम चीन द्वारा तिब्बत की अधिकतर भूमि को अवैध रूप से कब्जा करने को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में विजय शर्मा, प्रभदीप सिंह, हरदेव सिंह उब्बा, रणधीर सिंह कलेर, रविन्द्र पठानिया, ललित चौहान, रवि रावत, भूपेन्द्र सिंह वालिया, नौनिहाल सिंह सोढ़ी, जगदीश ठाकुर और परविन्द्र सिंह शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि चीन ने 20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर हमला कर समूचे तिब्बत को रौंदते हुए अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और जम्मू-कश्मीर का भी काफी बड़ा हिस्सा उसके कब्जा में है, जिसे अक्साई चीन कहते हैं। यह भारत की चिंता का सबसे बड़ा कारण है। हिन्दुओं में सनातनी, सिख, बौद्ध व जैन मतों के लिए पवित्र तीर्थ स्थाली कैलाश मानसरोवर आज चीन की अधिकृत में है, जहाँ चीनी हकुमत ने बहुत से अव्यावहारिक नियम बना रखे हैं और उसकी मंशा भगवान भोलेनाथ के इस मूल धाम में तीर्थ यात्रियों को आने से रोकने की है। भारत के लिए अशांति का कारण बने पाकिस्तानी आतंकियों को वह खुद प्रश्रय भी देता है।

प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को उनके समक्ष रखते हुए कहा कि भारत के हर उस भू-भाग को चीन छोड़े, जो उसने छलपूर्वक कब्जा रखा है, परम पवित्र कैलाश मानसरोवर की यात्रा को चीन अब वीजा मुक्त करे और इस यात्रा को सुगम करे, चीन द्वारा बनाये गये उत्पादों को हिन्दुस्तान में पूरी तरह से रोक लगा दी जाये और तिब्बत को पूरी तरह से आजाद करे।

आये हुए प्रतिनिधिमंडल की उक्त सभी मांगों को सुनने के पश्चात डिप्टी कमिश्नर मनदीप सिंह बरार ने आश्वासन देते हुए कहा कि उनके द्वारा दिये गये ज्ञापन को वे जल्द ही महामहिम राष्ट्रपति को भेज देंगे।

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