“बंद पड़े हों शौचालय तो”

0
1365
कडाके की ठण्ड ने है कहर मचाया
सर्दी के पड़ने  से हर कोई घबराया
दरवाज़े सभी घरों के बंद होंने लगे
रजाइयों में दुबक के लोग सोने लगे
         बज़ुर्गों, हृदय रोगियों को दें डाक्टर सलाह
         ठंड और धुंध में घर से ना निकलें  जरा
         धूप वा साफ मौसम हो तभी सैर पे जाएं
         थोड़ी लापरवाही से बिमारी  ना बुलाएं
आज धूप निकली बड़े दिनों के बाद
डाक्टरों  की सलाह आज आई याद
धूप सेंकने हम  घर से निकले आज
नगरपालिका  के पार्क में बैठे आज
           लोगों की भीड़ पार्क में थी आज
           धूप देख खिले चेहरे सबके आज
           धूप भी बज़ुर्गों को ना आई रास
           उनके चेहरे से संकट दिखे आज
उलझन उनकी चेहरों से नज़र आती जाए
पेशाब आने की लत से वो सभी थे घबराए
दो दो शौचालय पार्क मे,बंद ताले नज़र आएं
बज़ुर्गों की हालत ऐसी बनी बयां कर न पाएं
            मजबूरी  बज़ुर्गों को देखो कहां ले आई
            दीवारें उनके पेशाब से तर नज़र आईं
            सरकारी खर्चे से शौचालय तो बन जाएं
            बंद पड़े हों तो, करने पेशाब कहां जाएं
बृज किशोर भाटिया , चंडीगढ़।

LEAVE A REPLY

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.